सहरसा: शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने के लिए सरकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना चला रही है। सहरसा में बैंकों की उदासीनता के कारण इस योजना का बुरा हाल है।
जिला साख समिति द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में जिले के 75 बेरोजगारों को ऋण दिए जाने का लक्ष्य है लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद 198 लोगों को आवेदन बैंक में भेजा गया।
अबतक 30 को स्वीकृति तो दी गई लेकिन दो बेरोजगारों को अबतक ऋण दिया जा सका है। ऋण के लिए बेरोजगार लोग उद्योग विभाग से बैंक तक दौड़ लगा रहे हैं।
जिला साख समिति ने उद्योग विभाग, खादी ग्रामोद्योग संघ और खादी आयोग के माध्यम से गत वर्ष 67 बेरोजगार लोगों को ऋण देने का लक्ष्य रखा था। इस वर्ष जिले के 75 बेरोजगार युवकों को रोजगार के लिए ऋण प्रदान किए जाने का लक्ष्य है।
इसके लिए अबतक उद्योग विभाग को 198 आवेदन प्राप्त हुआ। जिला टास्क फोर्स कमेटी द्वारा इन आवेदनों को स्वीकृत कर बैंकों को अग्रसारित कर दिया है, परंतु आठ महीना गुजर जाने के बाद भी मात्र दो लाभुक ऋण पाने में सफल रहे हैं। शेष लाभुक उद्योग महाप्रबंधक कार्यालय और बैंकों का दौड़भाग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन में कम से कम आठवीं पास अर्हता रखनेवाले बेरोजगारों को परियोजना के आधार पर मशाला उद्योग, ग्रिल निर्माण, बक्सा निर्माण, किराना दुकान, पेवर ब्लाक प्लांट आदि के लिए एक लाख से 25 हजार तक ऋण दिए जाने का प्रावधान है।
इस योजना में सरकार द्वारा अनुदान का भी प्रावधान किया गया है, परंतु बैंकों की उदासीनता के कारण बिना पैरवी व पहुंचवाले लाभुक योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। इस वर्ष स्थिति और भी चिंताजनक बनी हुई है।