बच्‍चों के लिए अब बिहार के पीएचसी में भी हो रही खास व्‍यवस्‍था, तैनात रहेंगे विशेष प्रशिक्षित डाक्‍टर

प्रदेश के मेडिकल कालेजों के बाद अब जिला के सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (District Hospital to PHCs) तक बच्चों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए विशेषज्ञ डाक्टर तैनात किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। विभाग की जानकारी के अनुसार पूर्व से जो डाक्टर अस्पतालों में तैनात हैं उनके सहयोग से उच्च जोखिम वाले शिशुओं व नवजात बच्चों की उचित देखभाल और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए जिलों के डाक्टरों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।

प्रशिक्षित डाक्‍टरों की टीम देगी ट्रेनिंग :- कई जिलों में डाक्टरों को प्रशिक्षित किया भी जा चुका है। जहां प्रशिक्षिण का काम अब तक शेष है वहां ट्रेंड डाक्टरों की टीम जाकर जिले के अन्य डाक्टर, स्टाफ नर्सों के साथ एएनएम को प्रशिक्षित करेगी। इन्हें विभिन्न प्रकार के तकनीकी उपकरणों को चलाने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाली मेडिकल सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी।

प्रशिक्षण के बाद डाक्टरों का एक पैनल तैयार कर इन्हें विभिन्न रेफरल अस्पताल के साथ प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बनाए गए 41 एनबीएसयू (नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई) में तैनात किया जाएगा। ताकि आपात स्थिति में किसी नवजात या बच्चे को विषम परिस्थितियों में भर्ती कराया जाता है तो प्रशिक्षित डाक्टर और नर्सों की टीम डेडिकेटेड रूप से बच्चे की जिंदगी बचाने का दायित्व उठाएगी।

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मास्‍टर ट्रेनर बनाकर दिलाया गया प्रशिक्षण :- बता दें के पिछले महीने ही विभिन्न मेडिकल कालेज अस्पतालों के चुनिंदा डाक्टर, नर्सों को प्रशिक्षित किया गया था। प्रशिक्षित डाक्टरों को मास्टर प्रशिक्षक बनाकर जिलों में अन्य डाक्टरों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था।

गौरतलब है कि फिलहाल बच्‍चों की तबियत ज्‍यादा खराब होने पर विशेषज्ञ चिकित्‍सकों की कमी अखरती है। मजबूरी में माता-पिता बच्‍चे को लेकर प्राइवेट हास्‍पीटलों का रुख करते हैं। लेकिन इन सबसे अब राहत मिलने वाली है। यह खासकर गरीबों के लिए वरदान से कम नहीं।