अररिया: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर बुधवार को जिला के विभिन्न स्कूलों और बच्चे व महिलाओं के साक्षरता केंद्रों पर उत्सव का माहौल देखा गया।सुबह से ही महिलाएं और बच्चे तैयार होकर अपने अपने केंद्रों पर पहुंचना शुरू हो गए थे ।
जन शिक्षा निदेशक के निर्देश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता अनंत कुमार ने पत्र जारी कर सभी केआरपी और स्कूलों में कार्यरत शिक्षासेवक को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह मनाने का निर्देश जारी किया था। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी •िाला भर के साक्षरता कर्मियों एवं नव साक्षर महिलाओं ने उत्सवी माहौल में इस दिवस को मनाया ।सभी ने इस दिवस पर संकल्प लिया कि कोई भी व्यक्ति अब असाक्षर नहीं रहेंगे साथ ही अपने बच्चों को हर हाल में शिक्षित करेंगे।मौके पर स्कूलों एवं साक्षरता केंद्रों पर साक्षरता गीत ,महिलाओ के बीच आंतराक्षि ,बच्चे और अभिभावक की एक एक अच्छी आदत के बारे में जानकारी दी।साथ ही गतिविधि और खेल कूद के माध्यम से बच्चों को पढ़ने ,सीखने और लिखने की विधि पर चर्चा हुई।इसके अलावा महिलाओ को साक्षर करने के साथ साथ उनके बदहाली को दूर करने के लिए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजना की जानकारी भी शिक्षासेवक द्वारा दी गई।आज इस मौके पर सभी ने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का संकल्प लिया।
जोकीहाट में साक्षरता गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें बताया गया कि शिक्षा और साक्षरता विकास की कुंजी है।इसके बगैर हम विकास की कल्पना भी नही कर सकते। आज उसी समुदाय में हदहाली और गरीबी है जहां निरक्षरता है। डीपीओ साक्षरता अनंत कुमार ने कहा कि साक्षरता का मतलब अंक ,अक्षर और शब्द की जानकारी प्राप्त कर अपने जीवन मे बदलाव लाना है।ताकि विकास को मुख्यधारा में शामिल होकर अपने और अपने परिवार की स्थिति में सुधार ला सके।दरअसल में साक्षरता अभियान एक जागरूकता अभियान है।इस अवसर पर प्रखंड के सभी बीईओ ,एसआरपी ,केआरपी ,शिक्षासेवक और नव साक्षर महिलाओ ने दिवस को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
तथा स्वयंसेवकों के द्वारा शिक्षा एवं साक्षरता के लिए जागरूक किया गया। टीम लीडर मो . मोतसिम के नेतृत्व में मो. अफगान आलम, मो . आदिल, कन्हैया कुमार मिश्र ,मो . शादाब ,मो. जुनैद , मो. कौनैन, अमन ,मो . इमरान , मो . कैफ , मो. राशिद, मो. नौशाद, मो. गुफरान, राजा सढ्ढह, रुपेश, चंदन इत्यादि स्वयंसेवकों ने उक्त साक्षरता अभियान में सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रधानाचार्य डा. पाठक कि अध्यक्षता में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य ने कहा कि साक्षरता आज की सबसे बड़ी बुनियादी जरूरतों में से है, इसका सामाजिक एवं आर्थिक विकास से गहरा संबंध है। रासेयो के कार्यक्रम पदाधिकारी डा. मोहम्मद शफीक ने कहा कि पूरी दुनिया में अशिक्षा को समाप्त करने के संकल्प के साथ अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस आठ सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है।