भारत सहित दुनिया भर में EMI पर स्मार्टफोन खरीदे जाते हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है, क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ फ्लैगशिप स्मार्टफोन की कीमत बढ़ रही है। स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां बैंकों के साथ मिलकर EMI पर स्मार्टफोन खरीदने का विकल्प दे रही हैं। लेकिन EMI पर स्मार्टफोन खरीदने से यूजर को परेशानी हो सकती है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत जैसे शहरों की मेट्रो सिटी और छोटे शहरों के कस्टमर के पास क्रेडिट हिस्ट्री होती है, जिससे EMI इस्टॉलमेंट को क्रेडिट कार्ड से हासिल किया जा सकता है। लेकिन बाकी कस्टमर के पास क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती है। ऐसे लोगों के लिए EMI ऑप्शन पर स्मार्टफोन खऱीदना काफी परेशानी खड़ी कर सकता है।👉स्कूल में घुसने के बाद टीचर पर कुर्सी और डंडे से हमला किया, टीचर अपनी जान बचाकर भाग निकली।
ईएमआई पर स्मार्टफोन खरीदने पर परेशानी होगी
रेस्ट ऑफ वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट हिस्ट्री के बिना लोगों से फोन इंस्टालेशन को रिकवर करने के लिए बैंक कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। ईएमआई पर खरीदे गए फोन को ट्रैक करने के लिए बैंक फोन की स्थापना के लिए एक ऐप इंस्टॉल करते हैं। यह ऐप ग्राहक की लोकेशन ट्रैक करता है और अगर EMI इंस्टॉल नहीं है तो फोन को लॉक कर देता है।
लोन की रिकवरी के लिए ऐप इंस्टॉल करना जरूरी है
रिपोर्ट के मुताबिक, ईएमआई पर स्मार्टफोन मुहैया कराने वाली कंपनियां बिना क्रेडिट हिस्ट्री के लोगों की वित्तीय स्थिति के आधार पर लोन मुहैया कराती हैं। ऐसे ग्राहक के लिए अपने फोन में एक ऐप इंस्टॉल करना अनिवार्य है। उपयोगकर्ता इसे अनइंस्टॉल नहीं कर सकता है। यह ऐप यूजर के डेटा को एक्सेस करता है। इसमें पाठ संदेश, फ़ोटो और स्थान शामिल हैं। यह तब तक जारी रहता है जब तक ऋण का पूरा भुगतान नहीं कर देता। ऑडियो विज़ुअल नोटिफिकेशन ग्राहक द्वारा इंस्टॉलेशन की देरी पर भेजा जाता है, जो स्थानीय भाषा में है। इसके अलावा वॉलपेपर जबरन बदला गया है। इसके अलावा, भुगतान पूरा होने तक फोन में कैमरा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अवरुद्ध हैं।👉AGAIN CORONA ALERT: बिहार में कोरोना की नई लहर से सरकार अलर्ट, होगी फिर से सख्ती शुरू, बिना मास्क पकड़े जाने पर लगेगा भारी जुर्माना…!
सरकार ने दिखाई सख्ती
डिजिटल ऋण प्रदान करने वाले बैंकों और कंपनियों पर सरकार सख्त हो गई है और उन्होंने जबरन ऋणों की वसूली का तरीका जांच लिया है। साथ ही, Google द्वारा 100 से अधिक त्वरित ऋण एप्लिकेशन बंद कर दिए गए हैं। इन कंपनियों पर अधिक ब्याज वसूलने का भी आरोप है।