नई दिल्ली. कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बीच सरकारी कर्मचारियों को झटका लग सकता है. केन्द्रीय कर्मचारियों को सरकार की तरफ से मिलने वाली कई सुविधाओं में कटौती की जाएगी. दरअसल, कोरोना महामारी के चलते सरकारी खजाना पर दबाव बढ़ा है. जहां एक तरफ सरकार का खर्च बढ़ता ही जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजस्व घटा है. ऐसे में अब कॉस्ट-कटिंग केंद्र सरकार के दफ्तरों और कर्मचारियों तक पहुंच गई है. केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से खर्च पर अंकुश लगाने को कहा है. केंद्र सरकार ने फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने का आदेश दिया है. इससे कर्मचारियों के ओवरटाइम भत्ते जैसे कई चीजों पर प्रभाव डालेगा.
20% की कटौती करेगी सरकारदेश में कोविड -19 महामारी के बाद पहली बार केंद्र सरकार के विभाग और मंत्रालय ओवरटाइम भत्ता और रिवार्ड्स आदि जैसे खर्चों में 20% की कटौती करेंगे. यानी अब नॉन-स्कीम खर्च में 20 फीसदी तक कटौती किया जाएगा. इसमें ट्रैवल भत्ता भी शामिल है.
गुरुवार को वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है. इसके मुताबिक, अतिरिक्त खर्चों को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा गया है और इसमें 20% की कटौती का लक्ष्य निर्धारित की गई है. बता दें कि देशभर में कोरोना की मुफ्त वैक्सीन लगाने और गरीब परिवारों को दिवाली तक मुफ्त राशन देने की योजना से सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि इससे राजकोषीय घाटा बेकाबू हो सकता है.
इन भत्तों पर होगा असर
ज्ञापन के मुताबिक, जिन चीजों में खर्च में कमी करने के लिए कहा गया है, उसमें ओवरटाइम भत्ता, रिवार्ड्स, घरेलू यात्रा, विदेश यात्रा खर्च, ऑफिस खर्च, किराए, रेट्स और टैक्स, रॉयल्टी, प्रकाशन, अन्य प्रशासनिक खर्च, आपूर्ति और सामग्री, राशन की लागत, POL, वस्त्र और टेंटेज, विज्ञापन और प्रचार, लघु कार्य, रखरखाव, सेवा शुल्क, योगदान और अन्य शुल्क शामिल हैं.