चुनाव की राजनीति कब कौन सी करवट लेगी पता नहीं चलता। बोचहां (सुरक्षित) विधानसभा उपचुनाव में कुछ यही हो रहा। अचानक से तस्वीरें बदलती चली जा रही हैं। इसमें पीछे छूट रहीं पार्टी की वफादारी। उद्देश्य बस यही कि कैसे जीत मिलेगी।
इस सीट से दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर कुमार पासवान के लिए वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी भाजपा से तकरार करते रहे। टिकट देने की पूरी गारंटी भी थी, मगर यहां जीत के प्रति आशंकित अमर ने दूसरी राह चुन ली।
रविवार से उनके राजद में जाने की चर्चा सोमवार को सच के रूप में सामने आ गई। दोपहर को वीआइपी से इस्तीफे के बाद शाम को राजद ने अमर को प्रत्याशी घोषित कर दिया। दूसरी ओर राजद के सदस्यता अभियान की शुरुआत में लालू प्रसाद के साथ मंच पर नजर आए रमई राम के लिए यह निर्णय असहनीय रहा। बेटी गीता देवी के लिए जमीन तैयार कर रहे पूर्व मंत्री उसी समय नाव की सवारी के लिए निकल पड़े। तेजस्वी को भला-बुरा कहा सो अलग।
मुकेश सहनी ने भी देर नहीं लगाई। तुरंत गीता देवी को पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया। एक दिन के घटनाक्रम में दो पार्टी के नेताओं ने दलों की अदलाबदली कर ली। अब नजर कांग्रेस की ओर है। मैदान में उतरने का सपना संजोए कई नेता अंतिम समय में जो मिल जाए के लिए तैयार हैं।
लोजपा (चिराग गुट) की ओर से खुलकर कोई बात नहीं कही जा रही, मगर उम्मीदवार की तलाश है। अब नामांकन के लिए 23 और 24 मार्च का ही समय है। ऐसे में अभी कई पार्टियों की वफादारी टूट जाए तो आश्चर्य नहीं।