बिहार में सातवें चरण के लिए विद्यालयवार जुटायी जा रही रिक्तियां, प्राथमिक शिक्षक नियोजन की तैयारी शुरू

पटना. प्रस्तावित सातवें चरण में प्राथमिक शिक्षक नियोजन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात में शिक्षक पद की आवश्यकता है, तो विद्यालयवार/नियोजन इकाई वार पदाें की जानकारी भेजें. दरअसल 12 जून को रिक्त पदों की गणना की समीक्षा के लिए शिक्षा विभाग में उच्चस्तरीय बैठक बुलायी गयी है. इसमें विभागीय शीर्ष अफसरों के अलावा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. इसी बैठक में तय होगा कि सातवें चरण में नियोजन किस तरह होगा.

90,700 में 44 हजार रिक्तियों को ही भरा जा सका

प्राथमिक निदेशक रवि प्रकाश ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों के नाम से जारी चिट्ठी के जरिये 31 मार्च 2022 तक सेवानिवृत्त, त्यागपत्र, सेवा मुक्ति के कारण हुई रिक्तियां भी मांगी हैं. साथ ही जिलों से पूछा है कि वर्ष 2019-20 में प्रकाशित रिक्ति के विरुद्ध नियुक्ति के बाद कितनी रिक्तियां जिलावार या नियोजन इकाई वार रह गयी हैं?

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ये सभी जानकारियां इ-मेल के जरिये तत्काल मांगी गयी हैं. उल्लेखनीय है कि सातवें चरण की प्राथमिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया जुलाई के अंतिम सप्ताह से शुरू हो सकती है. जानकारी के मुताबिक छठे चरण के शिक्षक नियोजन में प्राथमिकमध्य स्कूलों में करीब 44 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हो सकी है, जबकि प्रस्तावित रिक्तियां 90700 थीं. शेष पद रिक्त रहे गये हैं. इन रिक्त पदों के अलावा रिक्तियों के लिए अतिरिक्त पदों की गणना की जा रही है.

वाणिज्य संकाय में एसटीइटी कराने को अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग को सौंपा पत्र

पटना. वाणिज्य में एसटीइटी कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों के एक शिष्टमंडल ने शिक्षा विभाग को पत्र सौंपा है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सौंपे इस पत्र में अभ्यर्थियों का कहना है कि वाणिज्य संकाय के शिक्षक नियोजन के लिए एसटीइटी का आयोजन किया जाये. साथ ही इस विषय की रिक्तियों को जोड़ कर सातवें चरण के माध्यमिक शिक्षक नियोजन में नियुक्ति निकाली जाये.

शिक्षा विभाग पहुंचे वाणिज्य वर्ग के अभ्यर्थियों ने बताया कि वर्ष 2019 में एसटीइटी में वाणिज्य विषय को शामिल नहीं किया गया था. बाद में पटना उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेश के मुताबिक छह माह के अंदर वाणिज्य का एसटीइटी करा कर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया जाये.