नियुक्ति पत्र दिए जाने के तुरंत बाद ही शिक्षक अपना योगदान दे सकते हैं. इसके बाद प्रमाण पत्र के सत्यापन हुए अभ्यर्थियों का वेतन भुगतान भी शुरू हो जाएगा.
बिहार में चयनित शिक्षकों का इंतजार खत्म हो गया. पहली से आठवीं कक्षा तक के चयनित शिक्षकों को 23 फरवरी से नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. बिहार के शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसकी जानकारी दी है. उनहोंने कहा है कि प्रारंभिक विद्यालयों के लिए चयनित 42,902 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि नियुक्ति पत्र दिए जाने के तुरंत बाद ही शिक्षक अपना योगदान दे सकते हैं. इसके बाद प्रमाण पत्र के सत्यापन हुए अभ्यर्थियों का वेतन भुगतान भी शुरू हो जाएगा. बिना सत्यापन वाले अभ्यर्थियों के वेतन का भुगतान जांच के बाद होगा. नियुक्ति पत्र और पदस्थापन के लिए गाइडलाईन जारी होगा.
कई प्रमाणपत्रों का नहीं हुआ है सत्यापन
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अब तक जांच हुई है उसमें 562 अभ्यर्थी का टीईटी प्रमाण पत्र फेक पाया गया और 358 प्रमाण पत्रों का अभी सत्यापन नहीं हो सका है. प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पाए जाने के बाद अभ्यर्थियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी.
सबसे अधिक भोजपुर में सीटेट के 93 प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पायी गयी है. पूर्वी चंपारण में 65 प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिली है. प्रारंभिक शिक्षकों के 90,762 पदों के विरुद्ध जितने अभ्यर्थी चयनित हुए हैं उनमें 95 प्रतिशत अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी हो गई है.
अब और देर उचित नहीं होगा
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अब और देर सही नहीं होगा. बीटेट, सीटेट प्रमाण पत्रों की जांच करवाई गई. प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्रों के जांच में समय लग रहा है. ऐसे में चयनित अभ्यर्थियों की भी धैर्य की सीमा है. इस मामले में सीएम नीतीश से विमर्श के बाद नियुक्ति का काम पूरा करने का फैसला लिया गया है. उच्चस्तरीय बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि शिक्षक अभ्यर्थियों को 23 फरवरी से नियुक्ति पत्र दिया जाएगा.
वहीं पांच प्रतिशत प्रमाण पत्रों की जांच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जत्द पूरा करने को कहा गया है. इससे पहले शिक्षा विभाग के स्तर से चयनित अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्रों की चल रही जांच की प्रगति की समीक्षा की गई. इसमें शिक्षा सचिव असंगबा चुबा आओ और प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश मौजूद रहे.
कई प्रकार की बाधाओं का किया जिक्र
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि समीक्षा में यह बात सामने आई है कि चयनित अभ्यर्थियों के शिक्षण प्रशिक्षण से संबंधित प्रमाण पत्रों की जांच में अपेक्षित तेजी नहीं आ सकी है. इसका कारण भी यह स्पष्ट हुआ कि चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्रों से जुड़े संस्थान देश भर से हैं. इनमें बिहार के अतिरिक्त केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बंगाल, असम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से जुड़े प्रमाण पत्र शामिल हैं.
प्रशिक्षण प्रमाण पत्र गलत पाने पर की जाएगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्त पत्र देने का वैकल्पिक रास्ता निकाल कर 23 फरवरी से नियुक्ति पत्र देने का फैसला किया है. हालांकि, प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्रों की जांच प्रक्रियाधीन रहेगी और यदि किसी अभ्यर्थी का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र गलत पाया गया तो वैसे शिक्षक को दोषी मान कर सेवा से बर्खास्त भी किया जाएगा. इसके साथ ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी होगी.