शराबबंदी कानून पर राजद के तेवर कड़े, लाएगा अविश्वास प्रस्ताव, लगाया आरोप- नीतीश सरकार माफियाओं को पकड़ नहीं पा रही है

शराबबंदी कानून को लेकर राजद ने रुख कड़ा कर लिया है। इसको लेकर पार्टी अगले सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। पार्टी के प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार शराब नीति में सशोधन पर विचार कर रही है। पहले हम लोग इस संशोधन को देखेंगे, फिर इस पर रणनीति तय होगी। अगर यह जनता के हित में नहीं हुआ तो इस बार बजट सत्र में हम लोग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे।

भाई वीरेंद्र ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शराबबंदी कानून लाने से पहले भी कहा था कि कानून ऐसा ना हो जिससे लोगों को परेशानी हो, लेकिन सरकार नहीं मानी। ऐसा शराबबंदी कानून लागू किया जिससे सिर्फ गरीब परेशान हैं। सरकार इसको लेकर सख्त भी नहीं है और छूट भी नहीं दे रही। एक लाख चालीस हजार लोग इस नीति के तहत जेल में बंद हैं। ये सभी गरीब हैं। सरकार माफिया को पकड़ नहीं पा रही है। अधिकारी भी उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। लिहाजा हमारी पार्टी विचार कर रही है। गरीबों के हित में संशोधन नहीं हुआ तो हम अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं।

पूर्व उप मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पूर्ण मद्यनिषेध कानून को बिहार की आम जनता,  विशेषकर महिलाओं का व्यापक समर्थन प्राप्त है। यदि राजद और कांग्रेस में हिम्मत है, तो वे घोषणा करें कि उनकी सरकार गलती से भी बन गई, तो वे शराबबंदी कानून को खत्म कर देंगे। सुशील मोदी मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि भाजपाशासित गुजरात और बिहार में पूर्ण मद्यनिषेध लागू है। जब हम यहां इस कानून की समीक्षा की बात करते हैं, तब इसका अर्थ कानून को समाप्त करना नहीं। बल्कि शराबबंदी कानून को बेहतर ढंग से लागू करने और कमजोरियों को दूर करने के उपाय खोजे जा सकते हैं। देश में बलात्कार, दहेज प्रथा और मादक पदार्थों के सेवन के विरुद्ध भी कड़े कानून हैं, लेकिन न ऐसे मामलों में अपराध खत्म हो गए, न कोई इन कानूनों को समाप्त करने की बात करता है। कहा कि झारखंड सहित बिहार के तीनों पड़ोसी राज्यों में शराबबंदी लागू न होना और नेपाल से खुली सीमा का होना शराबबंदी लागू करने की बड़ी चुनौतियां हैं।

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