भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा, निचले इलाकों में फैला पानी

सिकटी (अररिया) : नेपाल समेत भारत के सीमावर्ती इलाके में गुरुवार को हुई भारी बारिश से नदियों का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। नूना नदी में करीब तीन फीट बढ़ने से सालगोड़ी से बहने वाला पानी फिर से निचले इलाकों में फैल गया है, जिससे बाहरी इलाके सालगोड़ी, कचना, अंसारी टोला और औलाबाड़ी में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।

बकरा नदी का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन गहराई के कारण नदी के अंदर पानी अभी भी बह रहा है। शाम को जलस्तर बढ़ने से सलगोड़ी, कचना, मंगलवारी महादलित टोला, अंसारी टोला, औलाबाड़ी तीनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कचना वार्ड 4 में पूर्व मुखिया इसहाक के आंगन में एक बार फिर पानी घुस गया है। इनके अलावा गांव के अन्य लोगों के आंगन में भी पानी घुस गया है। सालगोड़ी से कचना जाने वाली सड़क पर पानी बह रहा है। कचना से मंगलवारी महादलित टोला जाने वाली सड़क में कटिग पर बना चाचारी पुल डूब गया है। गांव में सड़क के पूर्व में रहने वाली आबादी में पानी का दबाव है। अंसारी टोला के चारों ओर पानी है। जलस्तर और बढ़ने से घर आंगन में प्रवेश करेगा। कचना से अंसारी टोला तक का रास्ता जलमग्न हो गया है।

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दिन भर लगातार बारिश और हवा चलने के कारण नूना धारा में नाव संचालन भी मुश्किल हो गया। इस धारा का पानी औलाबाड़ी को भी प्रभावित कर रहा है। मुख्य प्रतिनिधि खुर्शीद आलम ने बताया कि पानी के मामूली बढ़ने से यह स्थिति है, तो बाढ़ के दौरान क्या होगा। नूना की नई धारा से सालगोड़ी, कचना, अंसारी टोला, मंगलबाड़ी महादलित टोला तीनों तोले इस बाढ़ में डूब जाएंगे। फिर लोगों को दूसरी जगह भेजने की व्यवस्था करनी होगी, जिसके लिए प्रशासनिक तौर पर कोई तैयारी नहीं की जा रही है। नेपाल से आने वाला पानी सैदाबाद तक नदी में ही सिमट कर रह जाता है। उसके सामने जैसे ही दहशत आती है, आबादी में एक नई धारा फैल जाती है, जिसके कारण अब से त्रासदी शुरू हो गई है।

परमान नदी के जलस्तर में वृद्धि

रेणुग्राम (अररिया) : नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र समेत सीमावर्ती इलाकों में बारिश से नदियों का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। गुरुवार को परमान, गगराहा समेत अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी गई है। मंगलवार और बुधवार को जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई। नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से काफी नीचे है, लेकिन नदी के बढ़ते जल स्तर ने संभावित बाढ़ की आशंका को बढ़ा दिया है। वहीं खवासपुर, गुरमी, घोड़ाघाट समेत अन्य जगहों पर भी नदी का कटाव जारी है।