पटना: कोरोना काल में आनलाइन पढ़ाई व कारोबार बढ़ने का सकारात्मक प्रभाव मोबाइल बाजार पर दिखा। पहली लहर में मार्च, 2020 के बाद से स्थिति बदली और हैंडसेटों की बिक्री में रिकार्ड तेजी आई थी। 2019 में बिहार में औसतन हर माह डेढ़ लाख मोबाइल हैंडसेटों की बिक्री होती थी। आल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन के बिहार अध्यक्ष शांति स्वरूप ने कहा कि मार्च 2020 में मोबाइल हैंडसेटों की बिक्री प्रति माह दो लाख पर पहुंच गई। जुलाई, 2020 तक यह आंकड़ा 2.25 लाख पर पहुंच गया। हैंडसेटों की बिक्री एक साल तक अ’छी रही, लेकिन अगस्त 2021 में इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई। बिहार में मोबाइल हैंडसेटों की मासिक बिक्री 90 हजार पर आ गई। नवंबर 2021 तक बिक्री 89 से 95 हजार के बीच हो गई। दिसंबर 2021 में बिहार में महज 87 हजार हैंडसेटों की बिक्री हुई। कोरोना की तीसरी लहर में बाजार को थोड़ा उठने की उम्मीद है, लेकिन बढ़ोतरी 15 प्रतिशत से ज्यादा दर्ज नहीं की गई है।
इस बार भी तेजी आएगी कहा नहीं जा सकता
वीवो के ब्रांच मैनेजर मनीष कुमार ने कहा कि 2020 में कोरोना की वजह से ही बाजार उछला था लेकिन इस बार भी तेजी आएगी कहा नहीं जा सकता। खर्च करने की क्षमता लोगों में कम देखी जा रही है। दिसंबर की तुलना में जनवरी में 10 प्रतिशत ग्रोथ देखी जा रही है।
जनवरी में ग्रोथ दिखाई दे रही
सैमसंग के नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर -बिहार व उत्तर प्रदेश विवेक साह ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान हैंडसेटों की बिक्री में 25 प्रतिशत तक की ग्रोथ जनवरी में दिखाई दे रही है। बिहार में करीब 400 करोड़ रुपये का मोबाइल कारोबार औसतन हर महीने होता है। विक्रेता उमेश ने कहा कि बड़े स्क्रीन, बोल्ड साउंड,अच्छा कैमरा देखकर लोग मोबाइल सेट खरीद रहे हैं।