भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में आवश्यक आपरेशन ही किए जाएंगे। जो आपरेशन टाले जा सकते हैं उसे नहीं किया जाएगा। बुधवार को अस्पताल अधीक्षक डा. असीम कुमार दास की अध्यक्षता में विभागाध्यक्षों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
आवश्यक आपरेशन ही अस्पताल में होगा, जो आपरेशन एक-दो माह बाद हो सकते हैं उसे रोका जाएगा, अस्पताल अधीक्षक और विभागाध्यक्षों की बैठक में लिया गया फैसला, अस्पताल में भर्ती कई मरीज भी हो चुके हैं कोरोना पाजेटिव
अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि गत एक सप्ताह से देखा जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती मरीज भी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। कई जिलों के लोग अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं। तब कोरोना जांच होती है तो पाजेटिव रिपोर्ट आ रही है। ऐसी स्थिति में निर्णय लिया गया कि इंडोर सर्जरी, हड्डी आदि विभागों में जो आपरेशन टाले जा सकते हैं उसे नहीं किया जाएगा।
इमरजेंसी में गंभीर मरीजों का आपरेशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आउटडोर, इमरजेंसी या किसी भी विभाग में मरीजों का इलाज बाधित नहीं किया जाएगा। पूर्व की तरह इलाज किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आक्सीजन की अब कमी नहीं है। एमसीएच वार्ड के सभी बेडो पर ऑसीजन पाइप द्वारा जरुरत पडऩे पर आपूर्ति की जा सकती है।
ये आपरेशन टाले जा सकते हैं
हाइड्रोसिल, हार्निया, गाल ब्लाडर, अपेंडीक्स, बावासीर, सिस्ट, किडनी में स्टोन के आपरेशन एक से दो माह या इससे अधिक दिनों तक टाले जा सकते हैं। इनमें अगर कोई मरीज गंभीर होता है तो आपरेशन किया जाएगा।
पिछले 10 दिनों में अस्पताल में भर्ती 20 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
भर्ती मरीज को आक्सीजन की नहीं पड़ी जरुरत
एमसीएच वार्ड 29 मरीज भर्ती हो चुके हैं
कोरोना की तीसरी लहर में एमसीएच वार्ड में अभी तक 29 मरीज भर्ती हो चुके हैं। अभी 11 मरीज भर्ती हैं। आक्सीजन की जरुरत नहीं पड़ी, सांस भी सामान्य थी। कई मरीजों को चार से छह दिनों में अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई।