सासाराम : रोहतास, जागरण संवाददाता। भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार रविवार, 22 अगस्त को मनाया जाएगा। धीरे-धीरे कम हो रहे कोरोना संक्रमण के बीच राखी खरीदने वालों की बढ़ती भीड़ से बाजार की रौनक बढऩे लगी है। हालांकि संक्रमण से बचाव को ले प्रशासन द्वारा अभी भी लोगों को सचेत रहने व गाइडलाइन का पालन करने को कहा जा रहा है। राखी व्यवसायियों की मानें तो गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बाजार का रुख ठीक-ठाक है, पर कोरोना का असर अभी भी है। दो वर्ष पूर्व की अपेक्षा राखी का बाजार अभी ठंडा चल रहा है। ज्यादातर बहनें आनलाइन राखी व मिठाई खरीदना पसंद कर रही हैं।
राखी भेजने का ट्रेंड बदला
समय के साथ भाइयों को राखी भेजने का ट्रेंड भी बदल गया है। बहनें आनलाइन साइट से भाइयों को राखियां व मिठाई भेज रही हैं। राेहतास से हर रोज दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलुरू सहित दूसरे राज्यों में कई बहनें भाइयों के पास राखी भेज रही हैं। आनलाइन साइट पर राखियों के साथ गिफ्ट भी उपलब्ध है, जिसे राखी के साथ बहनें भाइयों को भेज रही हैं।
एक करोड़ का होता था कारोबार
व्यवसायियों के अनुसार सामान्य स्थिति में जिले में लगभग एक करोड़ का राखी का कारोबार होता है। अकेले जिला मुख्यालय में ही हर वर्ष लगभग 40 लाख की राखी दिल्ली व कोलकाता से मंगाई जाती है, लेकिन दो वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते लगे लाकडाउन के चलते बाजार ठंडा पड़ा है।
पूंजी डूबने के डर से कम मंगाई गई है राखी :
लाकडाउन में जिले की अर्थव्यवस्था तो वैसे ही बदहाल है, जिसका राखी के कारोबार पर भी असर है। पिछले वर्ष जिले में अनलाक होने के बाद व्यवसायियों ने नुकसान की भरपाई के लिए लाखों रुपये की राखी मंगा ली थी, लेकिन बिक्री कम होने से काफी राखियां बच गई थीं। इसलिए इस वर्ष पूंजी डूबने के डर कम राखी मंगाई गई है। अभी भी बाजार में उम्मीद के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आवाजाही कम ही है। राहत की बात यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बाजार ठीक है। हालांकि इस वर्ष राखी की कीमतों में 20 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है।
कहते हैं दुकानदार :
दुकानदार विजय कुमार, मोहन प्रसाद आदि ने कहा कि उनके यहां हर रेंज में सादी रखी, टेडी बीयर राखी, मोती वाली राखी उपलब्ध है, लेकिन गत वर्ष की तरह इस बार भी अच्छी बिक्री नहीं हो रही है। पोस्ट आफिस चौक पर दुकान लगाए गुड्डू कुमार ने बताया कि अब रक्षाबंधन में महज दो दिन ही शेष हैं, लेकिन अबतक आधी राखी भी बिक्री नहीं हो पाई है। स्थिति यही रही तो पूंजी डूब जाएगी।