सासाराम :रोहतास। जिले के उत्तरी हिस्से में रहने वाले लोगों को अपने गांव से होकर ट्रेन का सफर करने का सपना फिलहाल पूर्ण होते नहीं दिख रहा है। परसथुआं-कोचस से होकर गुजरने वाली 147 किलोमीटर लंबी आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन के निर्माण पर विभाग ने फिलहाल रोक लगा दी है। विभाग ने इस रेल लाइन के निर्माण पर खर्च होने वाली राशि को रोक दी है। जिसके बाद क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस परियोजना के पूरी तरह से बंद होने का भय सताने लगा है। इसकी जानकारी आरटीआइ कार्यकर्ता निराला चौधरी द्वारा मांगी सूचना से हुई है।
खर्च होने वाली राशि पर अगले आदेश तक रोक : रेलवे अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि परियोजना को स्थायी रूप से बंद तो नहीं किया गया है परंतु रेल लाइन के निर्माण पर खर्च होने वाली राशि को अगले आदेश तक रोक दी गई है। डीडीयू रेल डिवीजन के उपमुख्य अभियंता निर्माण रामेश्वर सिंह ने आरटीआइ जवाब में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2008-09 के रेल बजट में आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन को शामिल किया था।
आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन के लिए 17 स्टेशन व हाल्ट प्रस्तावित : 147 किलोमीटर लंबी आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन के लिए 17 स्टेशन व हाल्ट प्रस्तावित है। जिसमें रोहतास जिला के भलुनी, दिनारा, कोचस व परसथुआं के अलावा भोजपुर के आरा-उदवंतनगर, कौनरा, ईसरी, जगदीशपुर, आयर, बक्सर के कड़सर, कैमूर के समहुता, भभुआ रोड, बारे, भभुआ टाउन व मुंडेश्वरी धाम प्रस्तावित है।
रेल लाइन के सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो गया है, परंतु दस्तावेजों को अंतिम रूप से अनुमोदन के लिए कार्यालय को नहीं भेजा गया है। साथ ही आगे के कार्य के लिए राशि पर रोक लगा दी गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के आम बजट में इस रेल लाइन पर खर्च का प्रावधान किया गया है।
आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन अति-महत्वाकांक्षी रेल परियोजना : कोचस निवासी खेदन प्रसाद सिंह, विक्रमा सिंह, मदन सिंह कुशवाहा समेत अन्य ने कहा कि आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन अति-महत्वाकांक्षी रेल परियोजना है। इसके पूरा होने से आमलोगों को आरा-पटना जाने में सहूलियत हो जाएगी, लेकिन केंद्र सरकार इस परियोजना को पूरी करने में उत्साहित नहीं है। केंद्र सरकार पिछले कई आम बजट में शाहाबाद क्षेत्र को उपेक्षित करने का काम कर रही है।