बिहार में अब पहली से आठवीं तक का कोई भी निजी प्रारंभिक स्कूल बिना सरकार से स्वीकृति लिए संचालित नहीं हो सकेंगे। सरकार से प्रस्वीकृति लेने के लिए शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों को पांच माह का समय दिया है।
31 दिसम्बर 2021 के बाद किसी भी निजी स्कूल का संचालन बिना प्रस्वीकृति के नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही जिन विद्यालयों को संचालन की प्रस्वीकृति पहले से सरकार से ऑफलाइन माध्यम से मिली हुई है, उनके लिए भी सख्ती की गयी है।
ऐसे स्कूलों को अपने सारे डाक्यूमेंट सरकार के वेबपोर्टल पर आनलाइन अपलोड करने होंगे। इसके लिए इन स्कूलों को दो माह का समय दिया गया है।
शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने मंगलवार को निजी प्रारंभिक स्कूलों के संचालन को लेकर निर्देश जारी किये हैं। गौरतलब है कि बिहार समेत देशभर में 6 से 14 साल के बच्चों के लिए अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा अधिकार कानून 2009 लागू है।
इसको लेकर बिहार में बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली-2011 प्रभावी है। अधिनियम 2009 की धारा 18 एवं अधिनियम 2011 के नियम 11 के प्रावधानों के तहत राज्य के सभी निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनिवार्य रूप से सरकार की प्रस्वीकृति प्राप्त करनी है।
प्रारंभिक निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति जिला स्तर पर गठित त्रिस्तरीय समिति द्वारा निर्धारित मापदंडों के तहत दी जानी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी इस समिति के अध्यक्ष होते हैं। समिति निजी स्कूलों के आवेदन पर उसका स्थल जांच कर देखती है कि बच्चों के लिए उक्त शैक्षिक संस्थान में तमाम तरह की पर्याप्त व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं या नहीं।