मुजफ्फरपुर के करोड़ों के पीएनबी फ्राड केस को आर्थिक अपराध इकाई को सौंपने की तैयारी

पंजाब नैशनल बैंक के ग्राहकों से करोड़ों रुपये के फ्राॅड केस आर्थिक अपराध इकाई को सौंपने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर पुलिस की तरफ से केस डायरी को अपडेट किया जा रहा है। कहा गया कि पुलिस मुख्यालय का आदेश मिलते ही केस को आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया जाएगा।

मालूम हो कि पिछले साल सबसे पहले बीएसएनल के सेवानिवृत्त कर्मी रामदेव राम के बैंक खाते से 22 लाख 40 हजार की अवैध तरीके से निकासी का मामला पुलिस के सामने आया था। नगर थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। इसी दौरान और कई मामले भी सामने आने लगे। इसके बाद विशेष टीम ने पूरे मामले का पर्दाफाश किया।

आनलाइन तरीके से रुपये उड़ाए गए थे पैसे :- इसमें पता चला कि गोबरसही पीएनबी शाखा के बैंक कर्मी नीतेश कुमार सिंह द्वारा ग्राहक का विवरण लेकर गिरोह के सरगना तक पहुंचाया जाता था। इसके बाद ग्राहक के मोबाइल नंबर के जरिए एप के माध्यम से ऑनलाइन तरीके से रुपये उड़ाए गए थे।

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जांच में यह भी पता चला कि आरोपितों द्वारा मोबाइल का नेटवर्क गायब कर दिया जाता है। इसके बाद उस नंबर का दूसरा सिम लेकर राशि उड़ाने का खेल किया जाता है। इस मामले में बैंककर्मी नीतेश समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। नगर थाने में दर्ज मामले में चार्जशीट दायर की जा चुकी है।

ईडी करेगी हवाला कारोबारियों पर नकेल कसने की कार्रवाई :- बता दें कि गत दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से भी जांच रिपोर्ट भी मांगी गई थी। इसके बद केस के जांच अधिकारी ओमप्रकाश ने केस डायरी, जांच प्रतिवेदन व चार्जशीट की छायाप्रति के साथ विस्तृत रिपोर्ट ईडी को भेज दी थी।

कहा जा रहा कि मनी लांड्रिग मामले में ईडी की टीम आगे की जांच कर हवाला कारोबारियों पर नकेल कसने की कार्रवाई करेगी। इसके लिए ईडी की ओर से 15 लोगों के बैंक खाते, पासबुक व अन्य जानकारी भी मांगी गई थी। इसमें से पुलिस की ओर से आरोपित जफर समेत अन्य का विवरण भेजा गया था।