समस्तीपुर नगर परिषद के सभापति के खिलाफ तीसरी बार अविश्वास लाने की तैयारी

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। नगर परिषद (उत्क्रमित नगर निगम) के मुख्य पार्षद तारकेश्वर नाथ गुप्ता पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर राजनीति सरगर्मी बढ़ गई है। पक्ष व विपक्षी खेमें में जोड़ तोड़ की रणनीति शुरू है। दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन में 10 से पार्षदों के हस्ताक्षर हैं। विक्षुब्ध गुट की ओर से बैठकों का दौर जारी है। नगर परिषद के सत्ता की दावेदारी मुख्य रुप से दो पक्षों के बीच है। आमने-सामने की इस राजनीति ने समीकरण को रोचक बना दिया है। एक गुट में सत्तापक्ष के चेयरमैन तारकेश्चवर नाथ गुप्ता हैं। वहीं दूसरे पक्ष में कल्पना राज अपने समर्थित पार्षदों के साथ हैं। बता दें कि शुक्रवार को नगर परिषद वार्ड 25 की पार्षद कल्पना राज ने मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर विशेष बैठक बुलाने की मांग की है। विपक्षी गुट की ओर से सभापति तारकेश्वर नाथ गुप्ता पर पद का दुरुपयोग करते हुए अनियमितता बरतने और विकास कार्यों में गड़बड़ी समेत कई अन्य आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव दिया गया है। विपक्षी खेमा के पार्षद कल्पना राज ने बताया कि सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 10 दिनों के बीच बैठक बुलाने की मांग की है। सभापति अगर तय सीमा के बीच बैठक नहीं बुलाएंगे तो नप के कार्यपालक पदाधिकारी को यही प्रस्ताव दिया जाएगा। इस बीच नगर परिषद के प्रभारी नगर आयुक्त ने बताया कि मुख्य पार्षद पर अविश्वास प्रस्ताव के पत्र को विधि विभाग को भेज दिया गया है। वहां से परामर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

इन पार्षदों ने दी अविश्वास को लेकर विशेष बैठक की सहमति

अविश्वास प्रस्ताव की अगुआई कर रही पार्षद कल्पना राज ने कहा कि इसमें अन्य पार्षद विनोद कुमार गुप्ता, प्रदीप कुमार शिवे, उमेश कुमार वर्मा, भारती कुमारी, प्रदीप कुमार, सुनिल कुमार, आनंद भूषण, बैजयंती कुमारी व मोनिका चौरसिया शामिल है।

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दो वर्षों से बोर्ड की बैठक नहीं कराने का आरोप

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विशेष बैठक बुलाने की मांग करते हुए पार्षद ने बताया कि दो वर्षों से बोर्ड की बैठक नहीं कराई गई है। वहीं 2020-21 व 2021-22 का बजट पास कराने में विफल, बस पड़ाव व ताजपुर रोड स्टैंड का वर्षों से टैंडर नहीं होने, सशक्त समिति के सहारे पार्षद को जानकारी दिए बिना काम करना, कम पैसे वाली एनजीओ को हटाकर अधिक राशि वाले से काम कराना व शिकायत के बावजूद उसका भुगतान करना शामिल है।