Power Crisis: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, 2021 की तुलना में इस साल कोयले की मांग और खपत में हुई है काफी वृद्धि

मुंबई, एएनआई :-  रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वीके त्रिपाठी ने रविवार को कहा कि इस साल कोयले की मांग और खपत में 2021 की तुलना में काफी वृद्धि हुई है। त्रिपाठी की टिप्पणी महाराष्ट्र के बढ़ते तापमान और बिजली की मांग में वृद्धि को लेकर आई है।

इसके बीच कोयले की मांग में भी वृद्ध‍ि हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपने दैनिक बुलेटिन में बताया कि राज्य के कई हिस्सों में चल रहे हीटवेव के हिस्से के रूप में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है।

वीके त्रिपाठी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में कोयले की मांग और खपत में काफी वृद्धि हुई है। इसलिए हम अधिक मात्रा में कोयले का परिवहन कर रहे हैं। हम अतिरिक्त कोयला रेक संचालित कर रहे हैं और मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें की तुलना में उच्च प्राथमिकता पर हैं।

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त्रिपाठी ने कहा कि हम कह सकते हैं कि पिछले साल से कोयले की मांग और खपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अप्रैल 2022 के महीने में हमने अप्रैल 2021 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक कोयले का परिवहन किया है।

29 अप्रैल को राष्ट्रीय मौसम एजेंसी आईएमडी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए चार दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है क्योंकि देश के कुछ हिस्सों में लू चल रही थी।

आईएमडी मौसम की चेतावनी के लिए चार रंग कोड का उपयोग करता है जिसमें हरे रंग का अर्थ है कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। पीले रंग का अर्थ है देखना और अपडेट रहना, नारंगी का मतलब तैयार रहना और रेड अलर्ट का मतलब कार्रवाई करना है।

अप्रैल में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि केंद्र देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार कई कदम उठा रहा है। भारत का कोयला उत्पादन वित्तीय वर्ष 2021 में बढ़कर 777 मीट्रिक टन और वित्तीय वर्ष 2022 में 818 मीट्रिक टन का हो गया है।

जोशी ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 में देश का कोयला उत्पादन सिर्फ 566 मीट्रिक टन था, जबकि मोदी सरकार के तहत यह बढ़कर 777 मीट्रिक टन और वित्त वर्ष 2021-22 में 818 मीट्रिक टन हो गया है। लेकिन राहुल गांधी इन आंकड़ों को नहीं समझते हैं क्योंकि वह मूर्ख है। अगर उसे भविष्यवाणियां करने का इतना शौक है, तो उसे कम से कम एक बार अपनी पार्टी का भविष्य बता देना चाहिए।

देश में कोयला संकट के कारण भारत के कई राज्य बिजली कटौती से जूझ रहे हैं। कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को एक साल पहले की अवधि की तुलना में कोल इंडिया लिमिटेड ने अप्रैल 2022 में अपने उत्पादन में 27.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। गर्मी की वजह से अप्रैल महीने में बिजली की मांग बढ़ी है। देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयातित कोयले की कीमतों में भारी वृद्धि और कुछ बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं, इस समस्या को और बढ़ा दिया गया है। थर्मल प्लांट्स के पास कोयले के स्टाक में गिरावट की खबरों के बीच जोशी ने कहा है कि देश के थर्मल प्लांट्स में करीब 22 मिलियन टन कोयला है, जो 10 दिनों के लिए पर्याप्त है और इसकी भरपाई लगातार की जाएगी।