पीएम नरेन्द्र मोदी और शेर बहादुर देउबा आज भारत-नेपाल के बीच ट्रेन सेवा का शुभारंभ करेंगे

मधुबनी : भारत के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक शनिवार से डेमू ट्रेन का शुभारंभ होगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के उनके समकक्ष शेर बहादुर देउबा दोपहर 12 से एक बजे के बीच वर्चुअल हरी झंडी दिखाएंगे। इसे लेकर जयनगर से लेकर नेपाल के स्टेशनों पर भव्य तैयारी की गई है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जयनगर व नेपाल के इनरवा स्टेशन पर कस्टम चेकिंग प्वाइंट बनाया गया है। यात्रा करने वाले दोनों देशों के नागरिकों को अपना पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। मुख्य कार्यक्रम जयनगर रेलवे स्टेशन पर होगा। इसके लिए मंच बनाया गया है।

यहां लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है। जगह-जगह एलईडी टीवी लगाए गए हैं। शुक्रवार को समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल जयनगर नेपाली रेलवे स्टेशन पहुंचे और मुआयना किया।

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सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था :- आरपीएफ कमांडेंट एके लाल ने बताया कि आरपीएफ और आरपीएसएफ के 40 जवानों के साथ-साथ जीआरपी के जवान भी सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहेंगे। एसएसबी के डाग स्क्वायड की टीम भी तैनात की जाएगी।

नेपाल से पहुंच रहा 60 लोगों का दल :- पहली ट्रेन में 60 लोग जाएंगे। ये दो बसों से नेपाल से जयनगर पहुंचेंगे। इधर, एसडीएम बेबी कुमारी ने शहर के 20 गणमान्य लोगों को यात्रा करने की अनुमति प्रदान की है। इसमें जयनगर चैंबर्स आफ कामर्स, मिथिलांचल चैंबर्स आफ कामर्स और कैट के प्रतिनिधियों समेत स्थानीय अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

नेपाल रेलवे ने कोंकण रेलवे से एक जोड़ी डेमू ट्रेन करीब डेढ़ साल पहले खरीदी थी। उसे सजाकर तैयार किया गया है। इसमें चार सामान्य श्रेणी और एक वातानुकूलित बोगी है। एक बार में सामान्य श्रेणी में 244 और एसी बोगी में 56 लोग बैठकर यात्रा कर सकेंगे।

यह ट्रेन दिन में दो बार जयनगर व कुर्था के बीच चलेगी। ज्ञात हो कि वर्ष 1937 में जयनगर से नेपाल के बिजलपुरा तक 50 किमी में ट्रेन की शुरुआत हुई थी। वर्ष 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से जनकपुर और बिजलपुरा के बीच रेल पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद जनकपुर तक ट्रेन चलती रही। भारत सरकार ने भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत वर्ष 2010 में इसे बड़ी लाइन में बदलने की योजना बनाई।

जयनगर से बर्दीबास तक (65 किमी) काम करने का निर्णय लिया गया। जिम्मेदारी भारत सरकार के उपक्रम इरकान इंटरनेशनल को मिली। वर्ष 2014 में ट्रेनों का परिचालन बंद कर निर्माण शुरू हुआ। प्रथम चरण में जयनगर से कुर्था तक 35 किमी में काम किया गया।

इतनी दूरी में पांच स्टेशन (जयनगर, इनरवा, खजुरी, वैदेही और कुर्था) और तीन हाल्ट (महिनाथपुर, परवाहा और जनकपुर) बनाए गए हैं। इसमें एकमात्र जयनगर भारत में है। जयनगर से चार किलोमीटर की दूरी पर नेपाल का पहला स्टेशन इनरवा है। अंतिम कुर्था है।