पीएम किसान योजना: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए सरकार नए कदम उठाने जा रही है। नई प्रणाली में, धन की राशि उसी किसान के खाते में जाएगी, जिसने अपनी जमीन को म्यूट कर दिया है। राज्य में अभी भी बड़ी संख्या में किसान हैं जिन्होंने म्यूटेशन नहीं किया है। दादा-परदादा नाम की जमीन पर किसान अपने हिस्से की LPC कके आधार पर योजना का लाभ ले रहे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार के नए नियम मौजूदा किसानों (लाभार्थियों) को प्रभावित नहीं करेंगे।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संयुक्त परिवार में रहने वाले किसानों की जमीन भी संयुक्त है। इनमें से किसी भी किसान सम्मान निधि (किसान सम्मान निधि) के लिए संयुक्त खाते (खतियानी जमीन) में से अपने हिस्से की जमीन अपने नाम से प्राप्त करनी होगी। नए आवेदक को अपने नाम पर जमीन का प्लॉट नंबर लिखना होगा। सरकार पहले ही लाभार्थियों के खातों को आधार से जोड़ चुकी है। आयकर दाताओं को योजना से बाहर रखा गया है। राज्य भर में 1.65 करोड़ किसान हैं। इनमें से 60 लाख से अधिक किसानों को छह हजार रुपये सालाना मिलते हैं।
आठवीं किस्त कब आएगी? बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त केंद्र सरकार ने जारी कर दी है। वहीं, बताया जा रहा है कि सरकार होली से पहले आठवीं किस्त जारी कर सकती है। माना जा रहा है कि इस बार किसान निधि की राशि बढ़ सकती है।
बिहार में होगा 3 लाख से ज्यादा का सत्यापन – इधर, सातवीं किस्त में फर्जी तरीके से पैसा लेने वाले लोग भी विभाग के निशाने पर हैं। बताया जा रहा है कि बिहार में तीन लाख से अधिक लोगों के दस्तावेज का सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी।