बेतिया : पछुआ हवा के कारण तापमान में काफी गिरावट आया है। ठिठुरन और कनकनी से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ठंड से बचने के लिए लोग तरह-तरह से प्रयास कर रहे हैं, बावजूद इसका प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। सुबह में घना कोहरा पूरे शहर को आगोश में ले लेता है। हालांकि अभी दिन को धूप निकल रही है, बावजूद ठंड का सितम कम नहीं हो रहा। लगातार पारा लुढ़कने और ठंड का प्रकोप बढ़ने के बाद भी नगर में अलाव की व्यवस्था नहीं हुई है।
जिस कारण लोग सड़क किनारे बिखरे कूड़े कचरे को जलाकर ठंड से बचने को मजबूर हैं। ठंड में वृद्ध और बीमार लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है। लोग कचरा व लकड़ी चुन कर किसी तरह अलाव जला रहे हैं। दोपहर बाद भी कनकनी की वजह से लोगों को राहत नहीं मिल रही। नगर में ठंड व कोहरा अधिक रहने से लोग घरों से कम ही निकलते है। सार्वजनिक जगहों पर अलाव नहीं जलने से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को है।
बस स्टैंड, रिक्शा तांगा स्टैंड में आने वाले लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। संपन्न परिवार के लोग रजाई, गर्म कपड़े, इलेक्ट्रिक उपकरण, हीटर आदि से खुद को ठंड से बचाव तो कर लेते हैं। लेकिन गरीब तबके के लोगों को ठंड से बचना मुश्किल साबित हो रहा है। लुढ़का पारा, पछुआ हवा से बढ़ी कनकनी
मंगलवार को न्यूनतम पारा लुढ़क कर 9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हालांकि दोपहर में तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक सुबह-शाम में ठंड का प्रकोप जारी रहने का आसार है। ठंड के प्रकोप के कारण शहर के लोगों ने चौक चौराहे पर हर साल की तरह अलाव जलाने की मांग की है।
इधर नगर आयुक्त लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि अलाव की व्यवस्था आपदा विभाग, अंचलाधिकारी की ओर से की जाती है। लोगों को ठंड से बचाने का प्रयास किया जाएगा ठंड से बचाव जरूरी शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अमिताभ चौधरी ने कहा कि ठंड से बचाव काफी जरूरी है। ठंड के कारण कई बीमारी हो जाती है।
खासकर बच्चों और वृद्ध को ठंड से हर हाल में बचाना चाहिए, नहीं तो कई बार इसका घातक असर पड़ता है। ठंड से बचने के लिए जरूरी है कि घर में रहे या बाहर पूरे शरीर को गर्म कपड़े से ढके रहे। रात को बिस्तर से बाहर निकलना हो तो शॉल या कंबल ओढ़कर ही बाहर निकले। सिर को ढक कर रखें।