महंगे रिचार्ज से नाराज जनता ने पोर्ट कराए इतने सिम कार्ड, मुकेश अंबानी को झटका

महंगे रिचार्ज से नाराज जनता ने पोर्ट कराए इतने सिम कार्ड, मुकेश अंबानी को झटका

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी क्या है? दूरसंचार विभाग (DoT) मोबाइल उपयोगकर्ताओं को बिना नंबर बदले अपना नेटवर्क प्रदाता बदलने की सुविधा प्रदान करता है। यानी मान लीजिए आप जियो सिम इस्तेमाल करते हैं, और आपको जियो का नेटवर्क और सर्विस पसंद नहीं आती है, तो आप अपना मोबाइल नंबर बदले बिना इसे एयरटेल या किसी अन्य सेवा प्रदाता में बदल सकते हैं।

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इस सेवा का ग्राहकों द्वारा जमकर इस्तेमाल किया जाता है।

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100 करोड़ का आंकड़ा पार
दूरसंचार विभाग की रिपोर्ट की मानें तो लोग इस सेवा का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा ने 6 जुलाई तक 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। आपको बता दें कि भारत में MNP सेवा की शुरुआत 20 जनवरी 2011 को हुई थी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के मुताबिक भारत में हर महीने औसतन करीब 1.1 करोड़ मोबाइल सिम पोर्टिंग रिक्वेस्ट आती हैं।

हर महीने करीब 1 करोड़ MNP रिक्वेस्ट
TRAI ने कहा कि भारत ने 6 जुलाई 2024 को एक नया रिकॉर्ड बनाया है। भारत को अब तक 100 करोड़ मोबाइल नंबर पोर्टिंग रिक्वेस्ट मिल चुकी हैं। अगर इस साल मई 2024 की बात करें तो उस महीने में 1.2 करोड़ मोबाइल नंबर पोर्ट हुए हैं। TRAI ने हाल ही में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के नियमों में बदलाव का ऐलान किया है। ऐसे में यूजर्स को अपना मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए 7 दिन का वेटिंग पीरियड दिया जाएगा। कंपनी की ओर से यूनिक पोर्टिंग कोड जारी करने के लिए 7 दिन का वेटिंग पीरियड दिया जाएगा।

बदला सिम बदलने का नियम
ट्राई का मानना ​​है कि नए बदलाव से सिम स्वैप की घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी। देश में 14 मार्च 2024 को जारी किया गया दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का नौवां संशोधन विधेयक 1 जुलाई 2024 को लागू हो गया। नए नियम के तहत अगर सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट के 7 दिन के अंदर रिक्वेस्ट की जाती है तो UPC (नंबर) जारी नहीं किया जाएगा।