पटना : सराफा व्यवसायी की एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल का बाजार पर छिटपुट असर देखने को मिला। पटना सिटी में कुछ दुकानें बंद रहीं हालांकि पटना शहर में अधिकांश दुकानें खुली रहीं। दो संगठन हड़ताल में शामिल नहीं हुए जबकि एक संगठन के सदस्य हड़ताल पर रहे। हड़ताल पर सराफा संघों में सहमति नहीं बन सकी।
पटना सिटी स्वर्ण व्यवसायी संघ के अध्यक्ष शशि शेखर रस्तोगी ने कहा कि हालमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन से जुड़े प्रावधानों के विरोध में पटना सिटी में 350 सराफा दुकानें बंद रहीं। पटना सिटी के हाजीगंज और पूरब दरवाजा इलाके में हड़ताल का व्यापक असर रहा। सरकार इस प्रावधान के अंतर्गत क्रेता-विक्रेता का डाटा संग्रह करना चाहती है। एक ही आभूषण का सात जगह ब्योरा देना बहुत मुश्किल है।
मामूली चूक पर आपराधिक धाराओं के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भरने का कानून हम स्वीकार नहीं कर सकते। संगठन की एक बैठक भी हुई। आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि हड़ताल में संगठन शामिल नहीं हुआ। सरकार हालमार्क और एचयूआइडी के संबंध में उचित कदम उठा रही है।
हमने पुराने आभूषणों पर हालमार्क के लिए एक साल का समय मांगा है। उम्मीद है कि इस पर सकारात्मक निर्णय सरकार लेगी। आज संगठन से जुड़ी सभी दुकानें खुली रहीं। पाटलिपुत्र सराफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार और भारतीय मानक ब्यूरो के बीच लगातार वार्ता हो रही है।
हमारी मांगों पर सरकार ध्यान दे रही है और आश्वासन भी मिला है कि समस्याओं का निदान किया जाएगा। इसलिए हमारा संगठन इस हड़ताल में शामिल नहीं हुआ और सभी दुकानें खुली रहीं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि एचयूआइडी के संबंध में जो भी परेशानियां हैं उन्हें सरकार दूर करेगी।