पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकल पीठ ने ईपीएफओ को 72 घंटे के भीतर वसूली गई राशि खाते में वापस करने का आदेश दिया है। साथ ही आदेश दिया है कि तय समय के भीतर पैसा वापस नहीं किए जाने पर अधिकारी अपने वेतन का उठाव नहीं करेंगे। कोर्ट ने बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे इस प्रकार की गैर कानूनी कार्रवाई में भागीदार न बनें।
उल्लेखनीय है कि ईपीएफओ नियोक्ता द्वारा सत्यापित दावा प्रपत्र में दिए गए विवरण के आधार पर कर्मचारियों को भुगतान करता है एवं हर कर्मी का भुगतान उसके व्यक्तिगत बैंक खाते में होता है। नियोक्ता द्वारा एक ही बैंक खाते में कई कर्मचारियों के भुगतान के लिए उपयोग किया जाना, धोखाधड़ी का मामला है। जिससे ईपीएफओ को लगभग 1 करोड़ 33 लाख रुपए का नुकसान अथवा गबन हो गया।
इस संबंध में सीबीआई भी मामला दर्ज कर जांच कर रही है। इस बीच ईपीएफओ द्वारा कुछ सुरक्षा एजेंसियों के बैंक खातों को जब्त कर गबन की राशि की वसूली की कार्रवाई शुरू की गई। दो सुरक्षा एजेंसियों ने न्यायालय में ईपीएफओ की कार्रवाई को चुनौती दी थी।
न्यायालय ने इस आधार पर ईपीएफओ द्वारा की गई कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया कि ईपीएफ कानून के तहत खाता जब्त करने की कार्रवाई तभी की जा सकती है, जब नियोक्ता के विरुद्ध मूल्यांकन का आदेश पारित किया गया हो। इस मामले में गबन की राशि की वसूली से खाता जब्त करने की कार्रवाई की अनुमति कानून नहीं देता है।
Source-hindustan