पटना हाईकोर्ट को मिले दो नए जज, अब सुनवाई में आएगी तेजी

केंद्रीय कानून मंत्रालय ने बुधवार को पटना हाईकोर्ट के महानिबंधक नवनीत कुमार पांडेय तथा रजिस्ट्रार विजलेंस सुनील कुमार पंवार को पटना हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। जबकि केरल हाईकोर्ट से अनंत मनोहर बदर को पटना हाईकोर्ट भेजा गया है। वहीं, पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट भेजा गया है।

हाईकोर्ट में जजों के कुल 53 स्वीकृत पद हैं। मौजूदा समय में स्वीकृत पद के आधे से भी कम जजों के सहारे मुकदमों की सुनवाई हो रही है। हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश तथा 18 जज हैं। नवनियुक्त जजों के आने के बाद संख्या 21 हो जाएगी। हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही हैं।

मौजूदा समय में हाईकोर्ट में कुल मुकदमों की संख्या 2 लाख 27 हजार 385 के आसपास है। इनमें आपराधिक मुकदमों की संख्या एक लाख 15 हजार 379 है तो सिविल केसों की संख्या एक लाख 12 हजार 6 है। कई ऐसे मामले भी हैं जो केस दायर होने के बाद अब तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध तक नहीं हो सके है।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

कई ऐसे मामले हैं जो पिछले पांच साल से एक बार भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हो सके हैं। अमूमन यही हाल प्रदेश की निचली अदालतों का है। वहां भी जजों की भारी कमी है और मुकदमों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है।

जजों की कमी से सुनवाई होती है प्रभावित

हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा का कहना है कि जजों की कमी तथा मुकदमों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण समस्या गंभीर बन गई है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट में जमानत का मामला लंबित रहने के कारण सूबे की जेलों में क्षमता से ज्यादा लोग हैं, जबकि अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई नहीं होने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने नवनियुक्त केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से मुलाकात कर जजों की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने जल्द से जल्द जजों की बहाली करने का आग्रह किया है।