बेमौसम बारिश से धान की फसल बर्बाद, किसानों की कमर टूटी

मोतिहारी । जिले में पिछले दो-तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जहां शहर के लोग भीषण गर्मी से राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं किसानों की कमर टूट रही है। बेमौसम बारिश से धान की फसल काफी बर्बाद हुई है। मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। अधिकांश समय आसमान में बादल छाए रहते हैं। पिपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ नेहा पारीक ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान के कारण 20 अक्टूबर तक जिले में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा होने की संभावना है। उन्होंने इस दौरान किसानों से फसल की कटनी नहीं करने की अपील की। कहा है कि इस दौरान खेतों में कीट व्याधिनाशक दवाओं का छिड़काव करने से भी किसानों को परहेज करना चाहिए।

कोटवा, संस : बारिश और तेज हवा के कारण धान की तैयार और कटी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इससे किसानों की चिता बढ़ गई है। तेज हवा के साथ साथ मूसलाधार बारिश ने किसानों के खेत में लगी धान की फसल गिर गई। वहीं कई किसानों ने धान का फसल काट कर खेत में छोड़ दिया था जो बारिश के पानी जमने से बर्बादी के कगार पर है। किसान वीरेंद्र प्रसाद सिंह, लालबाबू प्रसाद साह, भरत राय, अवनीश सिंह, बच्चा राय, लालबाबू प्रसाद कुशवाहा, रामेश्वर सिंह, रामबाबू सिंह, रामजनम प्रसाद, आदित्य प्रसाद, श्याम बाबू प्रसाद, अजित सिंह, रविन्द्र सिंह, ललित नारायण सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, उमेश दुबे, शशिभूषण दुबे, राजबंशी प्रसाद, विजय चौधुर, ललन पाण्डेय, संतोष गिरी सहित कई किसानों का कहना है कि पहले खेत में गिराए गए धान के बिचड़े अधिक वर्षा के चलते बर्बाद हो गए।

फिर किसी तरह व्यवस्था कर धान रोपाई हुई। अत्यधिक बारिश से फसल को नुकसान हुआ। अब जब फसल तैयार है कुछ किसान धान की फसल काट धूप में सूखने के लिए खेत में छोड़ा है। लगातार बरसात से फसल डूब गई और भीग गई है। यदि ऐसे चलता रहा तो किसान बर्बाद हो जाएगा। मौसम विभाग की मानें तो अगले दो दिनों तक बारिश के आसार हैं। सीओ उपेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि बारिश से नुकसान तो हुआ है। जिला से निर्देश प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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