खगड़िया। फर्जी प्रमाण पत्रों पर बहाल फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर अधिकृत निगरानी विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलग-अलग राग होने से फर्जी शिक्षकों की बल्ले- बल्ले है। कितने शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी निकले, आज तक शिक्षा विभाग को मालूम नहीं है। परेशानी यह है कि जानकारी के अभाव में विभाग द्वारा हर महीना वेतन आदि का भुगतान किया जा रहा है। विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब निगरानी टीम थाने में केस दर्ज करती है और विभाग को जानकारी देती है, तभी पता चलता है कि फर्जी शिक्षक का वेतन आदि बंद करना है।
विभाग ने जिले में करीब 28 ऐसे शिक्षकों का एक साल से वेतन आदि बंद कर रखा है, जो माध्यमिक शिक्षा परिषद नई दिल्ली के प्रमाण पत्र पर बहाल होकर स्कूलों में तैनात थे। इधर, निगरानी डीएसपी कन्हैयालाल से संपर्क स्थापित करने का प्रयास तो किया गया, मगर संपर्क स्थापित नहीं होने से उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।
2012 तक विभिन्न नियोजन इकाइयों द्वारा 4737 शिक्षकों को बहाल किया गया, जिसमें नगर परिषद खगड़िया द्वारा 71, नगर पंचायत गोगरी द्वारा 89, सातों प्रखंड द्वारा 1460 और 129 पंचायत नियोजन इकाइयों द्वारा 3117 शिक्षकों को विभिन्न नियोजन के समय बहाल किया गया। निगरानी टीम को फोल्डर उपलब्ध नहीं कराने के आरोप में 51 पंचायतों के सचिवों पर केस दर्ज कराया गया, जिसमें 633 शिक्षकों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
चार दर्जन फर्जी शिक्षकों पर निगरानी टीम द्वारा विभिन्न थानों में केस दर्ज कराया गया। ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त करने हेतु विभाग द्वारा नियोजन इकाइयों को लिखा गया। विभाग का कहना हुआ कि 4737 शिक्षकों के फोल्डरों में 2014 फोल्डर नियोजन इकाइयों द्वारा निगरानी टीम को उपलब्ध नहीं कराए जा सके। मगर जो फोल्डर निगरानी टीम को उपलब्ध कराया गए, उन सबकी रिपोर्ट क्या रही, ये विभाग को नहीं मालूम है। केवल जिन शिक्षकों पर केस दर्ज हुआ, उसके बारे में विभाग को जानकारी है। इधर, सरकार के आदेश से बचे फोल्डरों को खुद शिक्षकों को संबंधित वेबसाइट पर डालना था।
अब तक यह भी पता नहीं चल पाया कि बचे शिक्षकों में कितने द्वारा वेबसाइट पर प्रमाण पत्रों को जमा कर दिया गया है। बहरहाल, शिक्षा विभाग सूची में शामिल शिक्षकों को वेतनादि भुगतान कर रहा है और कुछ बोलने से परहेज बच रहा है।
‘अब तक कितने शिक्षक फर्जी पाए गए, पूरी जानकारी नहीं है। निगरानी डीएसपी से बातचीत हुई है। जल्द ही निगरानी टीम व विभाग के अधिकारियों की बैठक होगी और मामला स्पष्ट हो जाएगा।’–कृष्णमोहन ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया।