बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने NRC मुद्दे पर एक बार फिर अपना रुख दोहराया है। शनिवार को जेडीयू राज्य परिषद की बैठक में उन्होंने कहा कि हम बिहार में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे। अगर इसे लागू करने की कोशिश की गई तो वे खुलकर विरोध करेंगे। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू केंद्र और राज्य में भाजपा नेतृत्व राजग में शामिल है। कई बीजेपी नेता देश भर में NRC को लागू करने की बात करते रहते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने बिहार में एनआरसी को लागू नहीं करने की बात कही है। जब पूरे देश में सीएए का विरोध हो रहा था, तब भी नीतीश कुमार ने ऐसा ही कहा था। विधानसभा में बोलते हुए, उन्होंने कहा था, ‘सीएए का राज्य से कोई लेना-देना नहीं है। इस मुद्दे पर आप जो भी करना चाहते हैं, संसद को करना है। हमने एनपीआर पर अधिक जानकारी मांगी है। अब, बिहार में एनआरसी के इसे लागू करने का कोई सवाल ही नहीं है।
➡️हम समाजवादी लोग हैं
सीएम नीतीश कुमार शनिवार को जेडीयू राज्य परिषद की बैठक के पहले दिन पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पानर्टी पर चर्चा करते हुए कहा कि हम समाजवादी सोच के लोग हैं। हमारा एकमात्र लक्ष्य जनता की सेवा करना है। जिन्होंने मतदान किया और जिन्होंने नहीं किया, उन्हें सभी के लिए एक ही काम करना होगा।
➡️चुनाव में यह सामने नहीं आया – कौन किसके साथ है, कौन नहीं है
मुख्यमंत्री ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू को कम सीटें मिलने पर भी टिप्पणी की। कहा कि एनडीए में सब कुछ दो महीने पहले ही तय हो जाना चाहिए था। हालांकि, कोरोना ने समय खो दिया। इतना कम समय था कि यह पता नहीं था कि कौन समर्थन कर रहा है, कौन नहीं दे रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान, जब पार्टी शाम को कार्यालय लौटी, तो संदेह पैदा हुआ। पार्टी का सदस्यता अभियान वर्ष 2019 में चला। समिति का गठन बूथ स्तर तक किया गया, प्रशिक्षण दिया गया। हम सबको बुलाकर मिले। लेकिन जब फरवरी में हम नेताओं की बैठक हुई, तो हमें संदेह हुआ। हमने इतना काम किया, पार्टी के साथी जानते थे, लेकिन चीजें नीचे तक नहीं पहुंचीं।