मधेपुरा : केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2021 में मधेपुरा के रैंक में थोड़ा सुधार हुआ है। बिहार रैंकिग में मधेपुरा का रैंक पिछले बार से थोड़ा बढ़कर 26वें स्थान पर पहुंचा है। जबकि पिछले बार मधेपुरा का रैंक 33वां था। वहीं 50 हजार से एक लाख आबादी वाले पूर्वी जोन रैंकिग में मधेपुरा का स्थान 55वां रहा। मधेपुरा को इस बार पूर्वी जोन रैंकिग में 681 स्कोर मिला है। शहर की साफ सफाई को लेकर शहर के लोगों का कहना है कि गंदगी से लेकर जलजमाव अभी भी शहर की मुख्य समस्या है। छोटे से इस शहर में प्रतिमाह 20 लाख के लगभग खर्च होते हैं। लेकिन धरातल पर कही भी साफ सफाई को लेकर नगर परिषद प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है।
यही कारण है कि आम लोग मधेपुरा के रैंकिग में सुधार से खुश नहीं है। शहर की सफाई पर पैनी नजर रखने वाले मु. अताउल्लाह काजमी कहते हैं कि सफाई को लेकर कोई मापदंड या मानक नगर परिषद प्रशासन तय नहीं कर पाया है। जिसके कारण भारी भरकम खर्च के बावजूद शहर स्मार्ट नहीं दिख रहा है। सर्वेक्षण से पहले आम लोगों से ली जाए जानकारी :
सर्वेक्षण कार्य के दौरान आम लोगों की इसकी सूचना नहीं रहती है। जिसके कारण आम लोग इस अभियान से नहीं जुड़ पाते हैं। व्यवसायी विकास सर्राफ कहते हैं कि यह अतिमहत्वपूर्ण सर्वेक्षण होता है। जिसमें आम लोगों की भागीदारी होनी चाहिए ताकि सरकार को सही आंकड़ा का पता चल सके। वे कहते हैं कि पिछले रैंकिग के आधार पर कोई प्लानिग वर्क नहीं हुआ है। सूरत व अन्य साफ-सुथरे शहर में सफाई को लेकर प्लानिग होती है। आम लोगों को इससे जोड़ा जाता है। लेकिन नप यह सब करने में असमर्थ हो जाता है।
कचरा का सही ढंग से नहीं हो पाता है उठाव : शहहर को स्मार्ट बनाने को लेकर नप भी गंभीर नहीं दिखता है। केवल औपचारिकता निभाने के चक्कर में शहर व आम लोगों का बंटाधार हो जाता है। आमलोग की समस्या को निराकरण करने के बजाए पार्षद अपने हित का ज्यादा ख्याल रखते हैं। यही कारण है कि कई वार्ड में समस्या जस की तस है। वार्ड चार निवासी इंदल रजक कहते हैं कि मेरे मोहल्ले में कचरा फेंकने का जगह नहीं है। स्ट्रीट डस्टबीन का पता नहीं है। डस्टबीन पार्षदों के घरों की शोभा बढ़ा रहा है। यही कारण है कि कूड़ा का उठाव समय तक ही थोड़ा बहुत साफ दिखता है। कूड़ा उठाव के बाद ब्लीचिग का छिड़काव नहीं होता है। जिसके कारण गंदगी बीमारी को न्यौता दे रही है। मैं हूं स्वच्छता पहरी: शहर को स्वच्छ बनाने में करेंगे सहयोग : केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2021की टीम द्वारा सर्वे के बाद मिली रैंकिग से शहर के लोगों को सीख लेनी चाहीए। उसने अगले साल के लिए टास्क दिया है। शहर को साफ रखना है तो नप शहर के हर वार्ड से बुद्धिजीवी लोगों की टीम बनाए। जो बराबर नप अधिकारियों को फीडबैक देते रहे। वहीं नप का भी काम है कि आधारभूत संरचना को मजबूत करें। उसे बड़ी बात है कि अपने घरों के आगे अनावश्यक गंदगी फैलाने वाले तथा रूकावट पैदा करने वाले के खिलाफ एक्शन लें। शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में नगर परिषद प्रशासन को हर संभव मदद करूंगा। इस कार्य के लिए
अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे।
मु. अताउल्लाह काजमी,
संयोजक, पुरुष आयोग संघर्ष समिति, मधेपुरा