केके पाठक के आदेश का अब दिखा बड़ा असर, एक सर्टिफिकेट पर 17 शिक्षक कर रहे थे नौकरी, 

केके पाठक के आदेश का अब दिखा बड़ा असर, एक सर्टिफिकेट पर 17 शिक्षक कर रहे थे नौकरी,

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहते हुए केके पाठक लगातार इस बात पर जोर देते रहे कि बिहार में कुछ शिक्षक फर्जीवाड़ा करके नौकरी कर रहे हैं. इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच जरूरी है. इसके अलावा वे टेस्ट और परीक्षा पर भी जोर देते रहे क्योंकि इस दौरान शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच होगी. बिहार के बांका जिले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. बांका में 17 शिक्षक 2013 से एक ही प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे थे. वेतन उठा रहे थे. अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे. अब उनकी करतूतें उजागर हो गई हैं. विभागीय आदेश के बाद इन 17 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

17 शिक्षकों पर केस दर्ज

आरोपी 17 शिक्षक करीब एक दशक से स्कूल में कार्यरत थे। वे नियमित रूप से वेतन उठा रहे थे। जानकारी के अनुसार पिछले महीने जब सक्षमता परीक्षा हुई थी, तो विभाग को इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर संदेह हुआ था। इसके बाद विभाग ने इन 17 शिक्षकों को तीन मौके दिये थे। इस दौरान इन शिक्षकों को पटना बुलाया गया था। वहां पहुंचे इन शिक्षकों ने अपना पक्ष रखा। इनमें से कई शिक्षक अपना पक्ष रखने नहीं पहुंचे। इनमें से दो-तीन को छोड़ कर बाकी शिक्षक जिले से फरार हो गये हैं। कुछ ने छुट्टी के लिए आवेदन दे दिया है। कई शिक्षक मामले के ठंडा होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि विभाग इनके प्रति किसी तरह की सहानुभूति दिखाने के पक्ष में नहीं है।

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विभाग के साथ धोखा

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इन सभी शिक्षकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। इनके विरुद्ध पुलिस में केस दर्ज कराया जाएगा। इसके बाद इनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। साथ ही अब तक लिए गए वेतन की वसूली के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।