बिहार सरकार भी अजब गजब निर्णय लेती है। एक तरफ जहां 50 साल की उम्र पार कर चुके सरकारी कर्मियों को छुट्टी करने वाली हैं तो दूसरी तरफ 60 साल की उम्र पार कर चुके रिटायर्ड कर्मियों के लिए लगातार रास्ते खोले जा रहे हैं।
सरकार के निर्णय से 50 साल की उम्र पार कर चुके सरकारी मुलाजिम दहशत में है। अगर उनका परफॉर्मेंस सही नहीं हुआ तो नौकरी से हटा दिए जाएंगे। विभागों में इसके लिए बजाप्ता कमेटी भी बन गई है। अभी हाल ही में गृह विभाग ने भी 50 साल से ऊपर के पुलिसकर्मियों के कामों की समीक्षा और रिटायरमेंट को लेकर कमेटी गठित कर दी है। जिसके बाद बवाल मचा है।
इधर सरकार घर बैठकर पेंशन ले रहे रिटायर्ड कर्मियों को फिर से संविदा पर बहाल कर रही है। स्थाई बहाली होने तक रिटायर्ड कर्मी काम करेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने पुलिस समेत सभी विभागों के सचिव एवं प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि वे अपने विभागों में रिक्त प्रशाखा पदाधिकारियों के पदों की सूचना भेजें, ताकि उन्हें रिटायर्ड प्रशाखा पदाधिकारियों के जरिए भरा जा सके। इसमें आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस जैसी औपचारिकता भी पूरी होंगी। प्रमंडलीय स्तर की रिक्तियों के लिए आयुक्त और मुख्यालय के लिए विभाग के प्रधान सचिव अपनी सिफारिश भेजेंगे। रिटायर्ड कर्मियों के लिए जरूरी होगा कि उन पर सेवाकाल के दौरान कोई आरोप नहीं लगा हो।
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