बिहार के किसानों के लिए यह एक खुश खबरी है। राज्य के किसानों को अब खेती के लिए अलग से बिजली मिलेगी। आपको बता दें कि बिहार सरकार पहले से ही केवल 65 पैसे प्रति यूनिट की दर से किसानों को बिजली दे रही है। लेकिन अब किसानों को खेती के लिए अलग से बिजली भी मिलने वाली है। इसके लिए, राज्य भर में समर्पित फीडर का काम चल रहा है और अब यह अंतिम चरण में पहुंच गया है।
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आपको बता दें कि किसानों को अलग से बिजली देने की योजना को मार्च 2016 में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत मंजूरी दी गई थी। इसमें 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार खर्च कर रही है। जानकारी के अनुसार, अब तक 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और शेष 20 प्रतिशत काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। हालांकि बिहार में बाढ़ के कारण कई क्षेत्रों में काम ठप हो गया है, लेकिन बाढ़ का असर खत्म होते ही ऐसी जगहों का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बिजली किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है। बिजली की कमी के कारण, कई बार किसान समय पर अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण उनकी फसलों को बहुत नुकसान होता है। उन्हें नुकसान का भी सामना करना पड़ता है। इस योजना के पूरा होने पर राज्य के किसानों को इससे बहुत लाभ होगा।
ज्ञात हो कि इस योजना के तहत 333 केवी के 293 सब-स्टेशनों के निर्माण का लक्ष्य है। जिसमें से अब तक 235 सब-स्टेशन बनाए गए हैं। शेष उप-स्टेशनों के निर्माण का कार्य भी अंतिम चरण में पहुंच गया है। यही नहीं, खेती के लिए 25 और 65 केवी के तार, पोल और ट्रांसफार्मर भी लगाए जा रहे हैं। 79 हजार 857 ट्रांसफार्मर में से 55 हजार 52 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं जो लक्ष्य का 69% है।
जाहिर है कि किसानों को अलग से बिजली मुहैया कराने की इस योजना से किसानों को कृषि में बिजली नहीं मिलने की समस्या से राहत मिलेगी। यह देखा जाना शेष है कि कार्य कंपनी द्वारा शेष कार्य को पूरा करने में कितना समय लगता है।