राज्य के स्वामित्व वाली हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर कंपनी एनएचपीसी ने सोमवार को बिहार राज्य जल विद्युत निगम लिमिटेड (बीएसएचपीसी) के साथ राज्य में 130.1 मेगावाट की दगमारा जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। बिजली मंत्रालय के बयान के अनुसार, एनएचपीसी ने सोमवार को बिहार में 130.1 मेगावाट की दगमारा जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन के लिए बीएसएचपीसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सिंह और बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। एनएचपीसी की ओर से बिहार सरकार की ओर से एनएचपीसी के निदेशक (परियोजना) बिश्वजीत बसु और बीएसएचपीसी के प्रबंध निदेशक आलोक कुमार द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर बोलते हुए, ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए जलवायु परिवर्तन और जीवाश्म से गैर-जीवाश्म ईंधन में संक्रमण की चुनौतियों के मद्देनजर जलविद्युत बहुत महत्वपूर्ण है।
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बिहार के ऊर्जा मंत्री यादव ने दगमारा परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की ओर से विद्युत मंत्रालय और एनएचपीसी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से राज्य में चहुंमुखी प्रगति और विकास होगा। एनएचपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एके सिंह ने कहा, “जहां तक हरित ऊर्जा का सवाल है, बिहार के बिजली क्षेत्र के परिदृश्य में डगमारा जलविद्युत परियोजना एक ऐतिहासिक परियोजना होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छ और हरित बिजली पैदा करने के अलावा, इसके कार्यान्वयन से क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी ढांचे का विकास होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। कोसी नदी पर सुपौल जिले में दगमारा बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना प्रस्तावित है। एनएचपीसी बिहार की इस सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना को स्वामित्व के आधार पर लागू करेगी।