संसद का मानसून सत्र: संसद का मानसून सत्र जारी है जिसमें विपक्ष का दबदबा कायम है. जासूसी मामले और किसानों के मुद्दे पर विपक्ष हर दिन हंगामा कर रहा है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक अब तक संसद की कार्यवाही निर्धारित समय से सिर्फ 17 फीसदी ही चल पाई है, जिससे 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पेगासस जासूसी मामले और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर संसद में पिछले कई दिनों से गतिरोध के बीच सरकारी सूत्रों ने कहा है कि अब तक संसद की कार्यवाही कुल 107 घंटों में से केवल 18 घंटे ही चल पाई और इस वजह से व्यवधान, करदाताओं के 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। क्षति हुई।
सूत्रों ने बताया कि 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में करीब 89 घंटे तक हंगामे देखने को मिले हैं. मौजूदा सत्र 13 अगस्त तक चलना है. आधिकारिक सूत्रों से साझा की गई जानकारी के मुताबिक राज्यसभा करीब 21 ही चल पाई. निर्धारित समय का प्रतिशत, जबकि लोकसभा निर्धारित समय का केवल 13 प्रतिशत ही चल सकी।
उन्होंने कहा कि लोकसभा को 54 घंटों में से सात घंटे से भी कम समय तक चलने दिया गया। राज्यसभा को 53 घंटे की अवधि में से केवल 11 घंटे चलने की अनुमति दी गई है। संसद अब तक 107 घंटे के निर्धारित समय में से सिर्फ 18 घंटे (16.8 फीसदी) ही चल पाई है. सूत्रों ने यह भी कहा कि व्यवधान से सरकारी खजाने को 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मानसून सत्र की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही लगभग ठप हो चुकी है।
विपक्षी दलों का कहना है कि संसद में गतिरोध तभी खत्म होगा जब सरकार पहले पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार होगी। इस मांग को खारिज करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.
यहां बता दें कि सरकारी सूत्रों के हवाले से यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले संसद के बाधित होने पर नाराजगी जताई है. हाल ही में पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल के नेताओं के साथ बैठक की थी. इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा था कि जब कोरोना पर बैठक बुलाई गई तो कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया और अन्य दलों को इसमें आने से रोका, कांग्रेस संसद को चलने नहीं देना चाहती.