आज शहादत दिवस है। इस मौके पर बिहार छात्र संघ ने अपने कार्यालय में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि दी। नीम चौक पर आयोजित कार्यक्रम में संघ के सदस्यों ने उनके अदम्य साहसपूर्ण काम को याद किया। इस दौरान वर्तमान समय में उनकी प्रासंगिकता के बारे में विस्तार से चर्चा की।
वक्ताओं ने कहा कि हमलोग आजाद हो गए हैं, लेकिन अब भी चुनौतियां बरकरार हैं। इसका स्वरूप जरूर बदल गया है। इसलिए इन महापुरुषों से प्रेरणा ग्रहण करने की जरूरत है। जिला अध्यक्ष करण सिंह ने सभा की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए साहस का परिचय दिया था। जो उस समय के हिसाब में बहुत ही बड़ी बात थी।
यही वजह है कि भगत सिंह आज भी हमलोगों के दिलों में जिंदा हैं। ऐसा ही काम राजगुरु व सुखदेव का भी था। ये सभी हमलोगों के प्रेरणास्त्रोत हैं। आज देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी तो मिल गई, लेकिन जनता आज भी पूंजीवाद, जातिवाद और अवसरवादियों के कब्जे में है। हम सभी युवाओं को इसको जड़ से खत्म करने का जिम्मा लेना होगा। इसके लिए भगत सिंह के बताए हुए रास्ते पर चलना पड़ेगा।संचालन करते हुए जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष आदित्य झा ने कहां की तीन परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा, ये हंस रहे थे मगर हिंदुस्तान रो पड़ा।
उन्होंने इन जांबाजों के शहीद होने की दास्तां बताई। कहा, उनके बलिदान और व्यक्तित्व से देशवासियों को सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी। मौके पर मौजूद प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनीष कुमार, जिला महासचिव रोहित कुमार, महानगर कार्यकारिणी सदस्य छोटेलाल कुमार, गोपी मेहता, मनीष चौधरी, ओम प्रकाश पांडे, जयमणि रत्नम, पिंकेश, कुणाल, सुधांशु, ओम, अमर, वैभव, सचिन, विजय, गौरव, हर्ष आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।