पटना। Bihar Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अध्यक्ष ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने कांग्रेस के साथ ही जदयू को भी बड़ा झटका दे दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) के खास रहे जदयू प्रवक्ता और महासचिवपवन वर्मा को उन्होंने टीएमसी की सदस्यता दिलाई है।
दिल्ली में पवन वर्मा (Pawan Verma) ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। पवन वर्मा को जदयू ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उनके साथ ही प्रशांंत किशोर को भी पार्टी से निकाल दिया गया था। बताया जाता है कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) की नीतीश कुमार से नजदीकी में पवन वर्मा की खास भूमिका रही। उसी का नतीजा 2015 के चुनाव का गठबंधन था। टीएमसी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पवन वर्मा ने कहा कि सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर उन्हें जदयू ने निष्कासित कर दिया गया था।
सीएम नीतीश कुमार के रह चुके थे सलाहकार
जानकारी के अनुसार पवन वर्मा भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं। वे सीएम नीतीश कुमार के सलाहकार की भूमिका में भी रहे थे। नीतीश कुमार से करीबी के कारण उन्हें 2014 में राज्यसभा सदस्य बनाया गया था। वे 2016 तक जदयू के राज्यसभा सदस्य रहे। जब जदयू और भाजपा की करीबी हुई तो पवन वर्मा ने इसका विरोध किया था। नीतीश कुमार को उन्होंने पत्र लिखकर इससे रोका था। उसके बाद से पार्टी से उनकी दूरी बढ़ने लगी थी। काफी दिनों तक साइडलाइन रहने के बाद पवन वर्मा ने टीएमसी का दामन थामा है। बताया जाता है कि कांग्रेस नेता और बिहार के दरभंगा से पूर्व भाजपा सांसद कीर्ति आजाद भी टीएमसी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
बता दें कि बंंगाल चुनाव में मिली जोरदार जीत के बाद से ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में भी काफी सक्रिय हो गई हैं। एंटी बीजेपी स्क्वाड बनाने की तैयारी में वे जोर-शोर से लगी हुई हैं। इसी क्रम में वे भाजपा समेत जदयू और कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल करा रही हैं।