वैशाली। गंगा में नाव दुर्घटना : लोगों से भरी एक नाव शनिवार को उफनती गंगा में डूब गई।नाव पर 15-17 लोग सवार थे। उनमें से कई ने तैरकर अपनी जान बचाई। दो युवकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इससे कोहराम मच गया है। प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं। हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि नाव पर सिर्फ तीन लोग सवार थे। इनमें से दो की डूबने से मौत हो गई।
गांधी सेतु के पाए नंबर एक के पास हुआ हादसा
बताया जाता है कि तरसिया से यह नाव गंगा नदी में बने महात्मा गांधी पुल के नंबर एक के पास जा रही थी। इसी दौरान नाव में विस्फोट हो गया। इससे वह गंगा नदी में डूब गई। इसके बाद अफरातफरी मच गई। नाव पर सवार अन्य लोग तैरकर किनारे पर आ गए। लेकिन दो युवक डूब गए। इनकी पहचान तेरसिया के बजरंग चौक वार्ड नंबर दो निवासी अशोक कुमार अकेला के पुत्र आदित्य राज और राजदेव राय के पुत्र राजेंद्र कुमार के रूप में हुई है।
वैशाली जिला प्रशासन का दावा- सवार थे तीन लोग
इधर, वैशाली जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि दूध बेचने के लिए नाव का संचालन किया जा रहा था। यह पाया गया नंबर एक के पास डूब गया। नाव पर तीन लोग सवार थे। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। मृतक के परिजनों को जल्द ही अंचल अधिकारी के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा।
हादसे के बाद भी नहीं रुका डेंगी का ऑपरेशन
ज्ञात हुआ है कि खतरे को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में डिंगी (छोटी नाव) चलाने पर रोक है। अन्य जगहों के बारे में कौन कह सकता है, इसके बावजूद गंगा के विकराल रूप में इनका संचालन अंधाधुंध तरीके से किया जा रहा है। हद यह है कि इन नावों का संचालन गंगाब्रिज थाने के सामने से किया जा रहा है। लेकिन पुलिस बेपरवाह है।