Lockdown Breaking: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पदाधिकारियों को दिए गए निर्देशों के बाद मंगलवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक निर्धारित की गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कई नए आवश्यक निर्देश भी जारी किए जाने की संभावना है।
दूसरी ओर, पटना उच्च न्यायालय ने कोरोना संक्रमण की वृद्धि और उपचार के बारे में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने महाधिवक्ता से राज्य सरकार से बात करने और मंगलवार, 4 मई को यह बताने को कहा कि राज्य में तालाबंदी होगी या नहीं। साथ ही कहा कि अगर आज फैसला नहीं आया तो हाई कोर्ट कड़े फैसले ले सकता है। पटना हाईकोर्ट ने कोरोना के मरीजों के इलाज के संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल पूछा है।
हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश के बाद भी कोरोना के मरीजों की इलाज की सुविधा नहीं बढ़ी है। राज्य के अस्पतालों में निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं है। केंद्रीय कोटे से 194 टन प्रतिदिन के बजाय केवल 160 टन ऑक्सीजन ही उठाया जा रहा है। राज्य के पास एक सलाहकार समिति नहीं थी, जो इस कोरोना विस्फोट से निपटती, कोई युद्ध कक्ष स्थापित नहीं किया गया है। ऐसा लगता है कि पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। बेड और वेंटिलेटर की कमी और 500 बेड के ईएसआईसी अस्पताल को शुरू करने का आदेश भी पूरी तरह से काम नहीं कर पाया। सरकारी रिपोर्ट भी भ्रामक थी, इसलिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया। उनकी रिपोर्ट के विपरीत, विभाग अदालत में आंकड़े दे रहा है।