लॉकडाउन से बिहार के पर्यटन को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। बड़ा झटका

बिते मार्च महीने से अगस्त महीने तक में पर्यटन को डेढ़ से दो करोड़ तक का नुकसान हुआ है। बिहार पर्यटन विकास निगम की सभी सेवाएं अभी तक प्रारम्भ नहीं हुआ है। निगम के होटल, टूरिस्ट स्पॉट गोलघर, राजगीर रोपवे, पटना-रांची बस सेवाएं, टूरिस्ट बस सेवा और जहाज का संचालन प्रारम्भ नहीं हुआ है। इनसभी सेवाओं से निगम को अच्छी कमाई आती है।

निगम की एक मात्र सेवा एयरपोर्ट से टैक्सी का संचालन रहा। इससे निगम को सालाना आय, एक करोड़ है। यह टैक्सी राज्य समेत अन्य प्रदेशों के लिए एयरपोर्ट से चलती है। 25 टैक्सी चला करती है। अभी लॉक डाउन में 15 चल रही है। निगम की यह योजना सभी योजनाओं से सबसे फायदेमंद प्राप्त हो रहा है।

आठ होटल से सालाना 80 लाख की आमदनी
पर्यटन निगम का राज्य में आठ होटल संचालित हो रहे हैं। जिसमे से पांच होटलों को लीज पर चलाया जा रहा है। इसमें होटल “ऋषि बिहार मुजफ्फरपुर” सबसे अधिक मुनाफे में रहा है। इससे निगम को 55 से 60 लाख रु तक के राजस्व आता है।

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जीसके अलावा होटल पटना में कौटिल्य विहार, कैमूर विहार मोहनिया, बोधगया, रेणु विहार पूर्णियां, सिंघेशर विहार मधेपुरा, सासाराम, मुंडेश्वरी, सिंघेश्वर में हैं। मुजफ्फरपुर को छोड़ सभी होटलों की कमाई दो से ढाई लाख रु तक है। निगम को कुल इन सभी होटलों से सालाना 80 लाख रूपए तक की कमाई आती है। सहरसा, राजगीर और बक्सर के होटल अभी लीज पर चल रहे हैं। राजगीर में तीन होटल और एक सहरसा और एक बक्सर में हैं।

पटना-रांची बस सेवा से 60 से 70 लाख रुपया की कमाई
पटना-रांची बस सेवा से निगम को सालाना 60 से 70 लाख रु तक की कमाई होती है। दो बस संचालित होती है। एक रांची-पटना और दूसरा पटना-रांची। अभी यह पांच महीने से बंद होने से निगम को 25 से 30 लाख का नुकसान हुआ है। वहीं टूरिस्ट बस पटना से राजगीर, बोधगया, ककोलत, नालंदा से पर्यटक सीजन में दस लाख तक की कमाई होती थी। इसबार के सीजन में यह सेवा बंद रही। जीससे नुकसान हुआ।