मुजफ्फरपुर में कोरोना के कारण 81 की मौत, सरकार ने जारी किए 51 आंकड़े, 30 मृतकों के आश्रित 4 लाख रुपये के मुआवजे से वंचित हो सकते हैं

मुजफ्फरपुर में कोरोना से मरने वालों के बारे में जिला प्रशासन और राज्य सरकार की रिपोर्टों में भारी अंतर पाया गया है। जिले में कोविद के कारण 81 मरीजों की मौत हो गई है, जबकि राज्य सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में केवल 51 मौतें दर्ज की गई हैं। 30 मरीजों की मौत का अंतर है।

जिला प्रशासन 18 जनवरी से मुजफ्फरपुर में 81 मौतों का आंकड़ा जारी कर रहा है। वहीं, स्वास्थ्य मुख्यालय से 15 फरवरी को जारी रिपोर्ट में 51 मरीजों की मृत्यु दर दर्ज है। जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मुख्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट पर बोलने से परहेज कर रहे हैं। इस तरह की गड़बड़ी तब हो रही है जब सारा डेटा ऑनलाइन है। हर गतिविधि के साथ कोविद पोर्टल पर हर दिन डेटा अपडेट किया जा रहा है।

18 जनवरी को मुजफ्फरपुर में दो कोरोना रोगियों की मृत्यु हो गई। इससे कोरोना के रोगियों की मृत्यु में 81 की वृद्धि हुई। मुजफ्फरपुर में कोरोना से संबंधित आंकड़ों को देखने वाले नोडल अधिकारी डॉ। दानिश ने कहा कि जिले में कोरोना रोगियों की मृत्यु का डेटा जिला स्तर से अपलोड किया गया है। कोविद पोर्टल पर।

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मुआवजे से वंचित कर दिया जाएगा

अगर राज्य सरकार ने जिले में 30 और मरीजों की मौत के आंकड़ों को नहीं जोड़ा, तो इन 30 मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री की अनुग्रह राशि से चार लाख मुआवजा नहीं मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक, जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरने वालों की संख्या को अपडेट नहीं किया जा रहा है।

सरकारी अस्पताल में मौत आंकड़ों में शामिल है अधिकारियों के अनुसार, राज्य स्तर पर कई बार, इन मृत्यु आंकड़ों में सुधार की सूचना मिली है। अधिकारियों के अनुसार, जिले के सरकारी अस्पतालों में केवल मौतों को आंकड़ों में शामिल किया जा रहा है। ऐसा मुआवजे की तलाश में जालसाजी को रोकने के लिए किया गया है।

जिला और राज्य स्तर की रिपोर्ट को कोरोना से होने वाली मौतों में अंतर नहीं करना चाहिए। यह अंतर कैसे हुआ, इसकी जांच की जाएगी। यदि बुधवार को कार्यालय खुलता है, तो इस मामले में अधिकारियों से एक रिपोर्ट ली जाएगी।
-डॉ० हरेंद्र आलोक, प्रभारी, सिविल सर्जरी