केके पाठक का वेतन रोका गया! शिक्षकों का वेतन रोकने वाले का जून का वेतन भी नीतीश सरकार ने रोका
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे केके पाठक का वेतन रोक दिया गया है। केके पाठक का तबादला शिक्षा विभाग से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में किया गया था। लेकिन उन्होंने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में ज्वाइन नहीं किया।
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इसके बाद केके पाठक का तबादला नई जगह राजस्व पर्षद में कर दिया गया है. हालांकि पाठक ने अभी तक राजस्व पर्षद के अध्यक्ष का पदभार नहीं संभाला है. ऐसे में अब जून महीने के वेतन को लेकर जो खबर आ रही है उसके मुताबिक पाठक का वेतन रोक दिया गया है.
सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि उन्होंने अभी तक नए विभाग में अपनी सेवाएं नहीं दी हैं. केके पाठक जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे तब उनके कई फैसलों को लेकर शिक्षकों में नाराजगी थी. यहां तक कि बड़ी संख्या में शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया गया था. इस कारण कई शिक्षकों ने ऑफ द रिकॉर्ड अपनी नाराजगी जाहिर की थी और केके पाठक के आदेशों को तुगलकी फरमान बताया था.
पाठक के कई आदेशों को मनमाना बताते हुए बिहार विधानसभा और विधान परिषद में सदस्यों ने खूब हंगामा भी किया था. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पर सदन में बयान देना पड़ा था.
इस बीच केके पाठक 2 जून को अचानक छुट्टी पर चले गए। उनके छुट्टी पर जाने के बाद नीतीश सरकार ने केके पाठक को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में एसीएस बनाकर ट्रांसफर कर दिया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कार्यालय के बाहर उनकी नेम प्लेट भी लगा दी गई, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।
इस बीच वहां से नेम प्लेट हटा दी गई, जिसके बाद यह तय हो गया कि पाठक अब यहां ज्वाइन नहीं करने वाले हैं। पिछले सप्ताह एक बार फिर उनका तबादला नई जगह यानी राजस्व पर्षद के अध्यक्ष के पद पर कर दिया गया, लेकिन अब तक उन्होंने अपनी सेवाएं नहीं दी हैं।
सूत्रों का कहना है कि पाठक के जून माह के वेतन पर रोक की वजह यह भी है कि उन्होंने अब तक किसी विभाग में ज्वाइन नहीं किया है। वित्तीय जानकारों के मुताबिक केके पाठक का जून माह का वेतन उनके नए विभाग से ही जारी होगा। जब तक वे राजस्व पर्षद के अध्यक्ष के पद पर ज्वाइन नहीं कर लेते, तब तक उनका जून माह का वेतन जारी नहीं होगा। सूत्रों की मानें तो पाठक को 15 जून तक नई जगह ज्वाइन करना होगा, जिसके बाद उनका वेतन जारी हो सकता है।
राजस्व परिषद या राजस्व परिषद में आम लोगों से जुड़ा कोई काम नहीं होता है। राजस्व परिषद मूल रूप से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति आदि के लिए परीक्षाएं आयोजित करने के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में इसे एक तरह से सेटिंग करने वाला विभाग माना जाता है। माना जा रहा है कि केके पाठक को राजस्व परिषद का चेयरमैन बनाकर उन्हें किनारे कर दिया गया है।