केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को ओटीटी प्लेटफार्मों के नियमन के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की। जावड़ेकर ने कहा कि नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम और हॉटस्टार (डिज़नी प्लस), और सैकड़ों समाचार सामग्री वेबसाइटों जैसे कम से कम 40 ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं।
ओटीटी प्लेटफार्मों के नियमन के लिए दिशानिर्देश
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्मों के नियमन के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था का फैसला लिया है। इनमें शामिल हैं – सूचना, स्व-नियमन और ओवरसाइट।
पहली श्रेणी: सूचना…
1.इसके तहत, ओटीटी और डिजिटल समाचार मीडिया को अपने द्वारा प्रकाशित कंटेंट के बारे में डिटेल्स देनी होगी।
2.सरकार पंजीकरण को अनिवार्य नहीं कर रही है लेकिन कंटेंट के संबंध में जानकारी मांग रही है।
3.दोनों ओटीटी प्लेटफार्मों और डिजिटल पोर्टल्स में शिकायत निवारण प्रणाली होनी चाहिए।
4.भारत में शिकायत निवारण अधिकारी का निवास होना चाहिए।
दूसरी श्रेणी: स्व-विनियमन…
1.ओटीटी प्लेटफार्मों को एक स्व-विनियमन निकाय की जरूरत होगी, जिसकी अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या बहुत प्रतिष्ठित व्यक्ति करेंगे।
2.शिकायतों को दूर करने के लिए एक जगह होनी चाहिए, सुनवाई होनी चाहिए और उसी पर फैसला लेना चाहिए।
तीसरी स्तरीय: ओवरसाइट मैकेनिज्म…
1.कुछ बड़े मामलों में एक निगरानी तंत्र भी स्थापित किया जाएगा जहां तुरंत फैसले लिए जाएंगे।
मंत्री ने आगे कहा कि चूंकि फिल्म इंडस्ट्री की तरह ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए कोई सेंसर बोर्ड नहीं है, इसलिए उम्र से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए कंटेंट का स्व-वर्गीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बिलकुल साफ कंटेट न दिखे और यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए।
बता दें कि कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने कहा कि था ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों और सुझावों के मद्देनजर दिशानिर्देश तैयार किए जा चुके हैं और इन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं और इसके नियमन के बारे में कुछ सुझाव भी मिले हैं।
source:-Republic Bharat