कलश स्थापना आज, तैयारी पूरी

दरभंगा । शारदीय नवरात्र को ले कलश स्थापना की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। सात अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ दुर्गा पूजा शुरू होगी। पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। गुरुवार से गांव, गली व मोहल्ले में या देवी सर्वभुतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: मंत्र से गूंजेगा। पूजा को लेकर जगह-जगह पूजा पंडाल व मूर्तियों को अंतिम आकार देने में कलाकार जुटे हैं। पंडाल निर्माण में मौसम का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। पहले जहां पूजा समितियों के बीच पंडाल निर्माण में एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ लगी रहती थी। वहीं इस बार अधिकांश जगहों पर सामान्य पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर मौसम को देखते हुए वाटर प्रूफ पंडाल बनाया जा रहा है। शहर में लगभग एक दर्जन से अधिक जगहों पर पूजा पंडाल बनाकर विधिवत पूजा अर्चना की जा जाती है।

इस वर्ष षष्ठी तिथि का क्षय होने से नवरात्र आठ ही दिन का रहेगा। यह सात अक्टूबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर को समाप्त होगा। 15 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। पं. जय देव झा ने बताया कि इस पर्व को नवरात्र इसलिए कहते हैं, क्योंकि ‘नवानां रात्रीणां समाहार:’, इसमें नौ तिथियों की नौ रात्रियां होती हैं। अत: प्राय: नौ दिन का नवरात्र होता है। इस वर्ष षष्ठी तिथि की हानि होने के कारण यह पर्व आठ दिन का ही मनाया जायेगा।

पंचम और छठे रूप की पूजा एक ही दिन

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देवी के पं†चम रूप स्कन्दमाता तथा षष्ठ रूप कात्यायनी का पूजन एक ही दिन (11अक्टूबर ) किया जाएगा। अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को किया जाएगा। कलौ चंडीविनायकौ’ अर्थात कलियुग में चण्डी (दुर्गा जी) एवं विनायक (गणेश जी) की पूजा विशेष फलदायी होती है। इसीलिए उत्तर भारत में नवरात्र के अवसर पर देवी की पूजा तथा दक्षिण भारत में गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेशजी की पूजा विशेष रूप से आयोजित होती है।

हाथी पर माता के प्रस्थान से आती सुख-समृद्धि

ज्योतिषाचार्य आलोक चंद्र चौधरी बताते हैं, कि प्रतिपदा के अनुसार माता का आगमन डोली पर हो रहा है। सप्तमी तिथि के अनुसार इस बार माता का आगमन घोड़े पर हो रहा है। यह सामान्य फलदायक है, लेकिन दशमी शुक्रवार को होने से माता का प्रस्थान हाथी पर हो रहा है, जो शुभ फलदायक रहेगा। यह समस्त व्यक्तियों में सुख-समृद्धि और सुवृष्टि का सूचक है।

शारदीय नवरात्र किस दिन किस देवी की होगी पूजा- अर्चना

07 अक्तूबर- मां शैलपुत्री पूजा व घटस्थापना

08 अक्तूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा

09 अक्तूबर- मां चंद्रघंटा पूजा

10 अक्तूबर- मां कुष्मांडा पूजा

11 अक्तूबर- मां स्कंदमाता और मां कात्यायनी पूजा

12 अक्तूबर- मां कालरात्रि पूजा

13 अक्तूबर- मां महागौरी पूजा

14 अक्तूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा

रामपुरा भगवती स्थान में कलश शोभा यात्रा के साथ नवाह यज्ञ का शुभारंभ सिंहवाड़ा : कलश शोभा यात्रा के साथ श्री श्री 1008 अखंड श्री राम जाप नवाह यज्ञ का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बुधवार को भगवती स्थान रामपुरा में शुभारंभ किया गया। जय जय सीता राम के संकीर्तन के बीच बाबा कलश शोभा यात्रा में 501 कन्याएं शामिल हुई। बटेश्वर स्थान से जल संग्रह कर कन्याओं ने मंदिर परिसर में कलश स्थापित किया। इसके बाद भक्तों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कीर्तन मंडली द्वारा किए जा रहे अखंड सीताराम नाम जाप से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय बना है। आचार्य सुमन कुमार मिश्र ने संकल्पित भक्त को पूजा अर्चना कराया। मंदिर परिसर से लालपुर चौक, सिंहवाड़ा व रामपुरा तक भक्तों का तांता लगा रहा। मां भगवती की जयकारा लगाकर भक्त ने माता के दरबार में पूजा अर्चना कर रहे थे। इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण भी किया गया। मौके पर मंदिर कमेटी का संरक्षक पूर्व एसडीओ चंद्रदेव चौधरी, अध्यक्ष विश्वनाथ चौधरी, रघुनाथ तिवारी, जिपस ओम प्रकाश ठाकुर, जदयू प्रखंड अध्यक्ष पप्पू चौधरी, विपिन मिश्र, जय शंकर तिवारी, सरपंच जनार्दन तिवारी, गणेश चौबे, विजय चौधरी, हरिशंकर चौधरी आदि उपस्थित थे।