बिहार की नीतीश कुमार सरकार में शामिल एनडीए के सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचयूएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने निजी क्षेत्र में आरक्षण का मुद्दा उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार को निजी और आउटसोर्सिंग नौकरियों के मुद्दे पर सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा है कि आप देश को आउटसोर्सिंग का हब बनाएं। हम इसका स्वागत करेंगे। लेकिन निजी क्षेत्र और आउटसोर्सिंग में आरक्षण न होने पर देश की अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य जातियां सीधे तौर पर प्रभावित होंगी। अतः आपसे अनुरोध है कि आउटसोर्सिंग में भी आरक्षण का प्रावधान सुनिश्चित करें।
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इससे पहले भी बिहार में राजद निजी क्षेत्र और जनसंख्या में जाति के आधार पर आरक्षण का मुद्दा उठाती रही है। संत शिरोमणि रविदास की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग दोहराई थी। उन्होंने केंद्र सरकार पर संविधान के साथ आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन सरकारी संस्थानों में आरक्षण लागू है, उन्हें निजी हाथों में बेचा जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें आरक्षण विरोधी और दलित विरोधी हैं। अगर राजद सड़क पर नहीं आती तो एससी/एसटी एक्ट में बदलाव कर दिया जाता। रेलवे, बीएसएनएल, एयर इंडिया जैसे अधिकांश उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। अब मांझी द्वारा निजी क्षेत्र में आरक्षण का मुद्दा उठाए जाने से मामला फिर से गर्म होने की संभावना है। मांझी एनडीए में शामिल होने के बाद भी बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की तस्वीर के लिए उन्होंने मोदी पर सीधा हमला बोला था।