राज्य जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कैग की रिपोर्ट पर चर्चा करके उन्होंने अपने जख्मों को हरा दिया है। दावा किया कि आज उनके पिता लालू प्रसाद कैग की रिपोर्ट के कारण ही जेल की हवा खा रहे हैं। खुद जेल का उद्घाटन किया और जेल में ही रहकर इसका आनंद ले रहे हैं।
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संजय सिंह ने कहा कि बिहार के चारा घोटाले से पहले, शायद ही इस तरह के दुष्कर्मों की कोई खबर हो, जिससे बजट से अधिक पैसा निकाला जा सके। यह घोटालेबाजों की चाल थी, जिसे सीबीआई और अदालत ने पकड़ा था। जेडीयू प्रवक्ता ने वर्ष 1993 में वेतन की मांग को लेकर लालू प्रसाद के साथ शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक की याद दिलाई और कहा कि सीएम ने कहा था कि सरकार का खजाना खाली है। संजय सिंह ने कहा कि तब नाममात्र के शिक्षक थे, आज 4.5 लाख शिक्षक हैं और सभी को समय पर भुगतान किया जा रहा है।
योजना मद की लागत का आधा खर्च किया जाता है: तेजस्वी
विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि बिहार में 56 प्रतिशत शिक्षण और 70 प्रतिशत गैर-शिक्षण पद खाली हैं। योजना मद की लागत का आधा हिस्सा खर्च किया जाता है। यह आरोप लगाया जाता है कि योजना मद की आधी राशि भ्रष्टाचार के कारण चली जाती है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मार्च में सबसे बड़ी लूट बजट पर बजट राशि खर्च करने के लिए होती है।
तेजस्वी ने सरकार से पूछा कि प्रशासन और उनके विभाग 8-10 साल बाद भी उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत क्यों नहीं कर पाए हैं। अगर सब कुछ पारदर्शी और सही है, तो फिर सालों की देरी क्यों। आरोप है कि विभागों के पास इस बात का कोई हिसाब नहीं है कि किस मद के तहत कितनी राशि खर्च की गई है। प्रत्येक विभाग के अनुमानित बजट और वास्तविक व्यय में बहुत अंतर होता है। कैग की वार्षिक रिपोर्ट भी यही कहती है। यदि आप समय लेते हैं, तो सरकार में बैठे लोगों को पिछले 10 वर्षों की सीएजी रिपोर्ट को स्वयं पढ़ना चाहिए। क्या जनता के पैसे को लूटना और लूटना सत्ताधारी पार्टी के शासन में रहा है?