महापर्व छठ के सामानों पर महंगाई की मार

मुजफ्फरपुर : कोविड काल के दो वर्षो की मार के बाद इस बार लोक आस्था के महापर्व छठ के सामानों पर में महंगाई की मार पड़ी है। सूती कपड़ों की कीमत मे 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बांस के सूप पर 40 तो चांदी के सूप पर 30 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। जिले के हर गांव और शहर के करीब सभी चौक-चौराहे व कस्बों में बांस के सूप, दउरा तैयार किए जा रहे हैं। फिर भी महंगाई 40 से 50 प्रतिशत बढ़ गई।

पिछले साल बांस का सूप, दउरा 50 से 60 रुपये में जोड़ा बिक रहा था, वहीं इस बार 220 से लेकर 250 रुपये जोड़ा मिल रहा है। एक सूप विक्रेता साजन मल्लिक से महंगाई को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि बारिश के कारण चार महीने तक कर्ज लेकर बैठ कर खाना पड़ा। चारों ओर बारिश से घिरे रहने पर कोई काम नहीं हुआ। बांस का रेट भी काफी भाग गया। पर्व के समय ही कमाने का मौका मिला है।

बांस के अन्य सूप आदि बनाने वाले कारीगरों की कमोबेश यहीं पीड़ा थी। चांदी पर 30 प्रतिशत दाम बढ़ जाने के कारण लोग एक-दो किलो की जगह एक किलो, आधा किलो, ढाई सौ ग्राम के चांदी के सूप खरीद कर रहे हैं। छोटी कल्याणी स्थित गोवर्धन राम राम रामअशीष प्रसाद ज्वेलरी हाउस के प्रोपराइटर आदित्य कुमार ने कहा कि पिछले साल चांदी प्रति 10 ग्राम 400 रुपये बिक्री हुई, इस बार 10 ग्राम की बिक्री 700 रुपये हो रही। चांदी के छोटा सूप लेकर लोग काम चला रहे हैं। असम और कोलकाता से आया नारियल

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छठ पर्व को लेकर नारियल का भी बड़ा महत्व है। व्रती खासकर पानी वाले नारियल से अ‌र्ध्य अर्पित करते हैं। इस बार बाजार समिति में असम और कोलकाता से नारियल आया है। व्यापार अधिक होने के कारण इस बार का रेट कुछ अधिक नहीं बढ़ाया गया है। दो से पांच रुपये तक बढ़ाकर बिक्री हो रही है। हाथी चौक मोहल्ले के रमेश कुमार ने बताया कि 25 से 30 रुपये पानी वाले नारियल की बिक्री हो रही। मोल-जोल करने पर पांच रुपये रेट गिराकर भी बेच रहे। क्वालिटी के हिसाब से भी बिक्री हो रही।