शराब पीने वाले हिंदुस्तानी नहीं, जानिए बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसे लोगों को क्‍या कहा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान परिषद में बुधवार को शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक को लेकर फिर सख्त संदेश दिया। दो टूक कहा कि सरकार जहरीली शराब पीकर मरने वालों के प्रति किसी भी सूरत में नरमी नहीं बरतेगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून और बापू के सिद्धांतों को नहीं मानने वाला एवं शराब पीने वाला हिंदुस्तानी हो ही नहीं सकता है। वह महापापी और महा अयोग्य है।

दरअसल, राजद के सुनील सिंह द्वारा शराबबंदी कानून के बाद बिहार में दूसरे नशे का चलन बढऩे की बात कही गई थी। वह शराब के चलते जेल गए लोगों को बिना शर्त छोडऩे की मांग कर रहे थे। सुनील के सुझाव को मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि किसी भी तरह से सरकार जहरीली शराब पीकर मरने वालों और जेल जाने वालों के प्रति सहानुभूति नहीं रखती है।

सरकार जहरीली शराब बनाने वालों को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी अभियान के बाद बिहार में करीब पौने दो करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। इसके तमाम फायदे महिलाएं समाज सुधार यात्रा के दौरान बताती हैं। महिलाएं कहती हैं कि शराब छोडऩे वालों के घरों में खुशहाली लौट आई है। बचत बढ़ गई है।

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आर्थिक पक्ष में सुधार हुआ है। सब्जियों की खपत बढ़ गई है। जहां तक जहरीली शराब से बिहार में मौत की बात है तो दूसरे प्रदेश जहां शराबबंदी नहीं, वहां बिहार से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं।

पुलिस वालों की खैर नहीं :- मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महिलाओं द्वारा समाज सुधार यात्रा के दौरान पुलिस वालों की साठगांठ से शराब की बिक्री से संबंधित की गई शिकायत का भी जिक्र किया। सदन के सदस्यों को सुझाव दिया कि निजी तौर पर गोपनीय शिकायत करें।

हर हाल में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रह रही है। उन्होंने शराब बिक्री में पुलिस वालों के खिलाफ सख्त संदेश दिया। आखिर में सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी सदस्यों ने शराबबंदी संशोधन कानून का सर्वसम्मति से समर्थन किया।