भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा, इस पर अभी बहुत कुछ साफ नहीं है, लेकिन जो लोग निवेश कर रहे हैं उन्हें अलर्ट रहने की जरूरत है। दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। क्रिप्टोकरेंसी पर दांव लगाने वाले निवेशकों से धोखेबाज नए-नए तरीके से फ्रॉड कर रहे हैं।
क्या हैं नए तरीके: धोखेबाज फिशिंग, हनी ट्रैपिंग, ब्लैकमेलिंग समेत अन्य तरीकों से निवेशकों को चूना लगा रहे हैं। निवेशकों को ईमेल भेज कर क्लिक करने के लिए कहा जा रहा है।
इसके बाद नई वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी सब्मिट करने को कहा जाएगा। एक बार जब हैकर्स इस जानकारी को प्राप्त कर लेते हैं तो वे निवेशकों के वॉलेट तक पहुंच जाते हैं और क्रिप्टोकरेंसी की चोरी करना शुरू कर देते हैं।
– हनी ट्रैपिंग के जरिए भी निवेशकों को चूना लगाया जा रहा है। इस तरह के फ्रॉड में पीड़ित को लुभाकर उसके साथ रिलेशनशिप में रहने का वादा किया जा रहा है। इसके बाद पीड़ित निवेशक से सभी जानकारियां लेकर चूना लगा दिया जाता है।
– धोखेबाज, किसी व्यक्ति के क्रिप्टो वॉलेट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी निकालने के लिए ब्लैकमेलिंग का तरीका भी अपना रहे हैं। मसलन, धोखेबाज कहते हैं कि उनके पास पीड़ित के पोर्नोग्राफिक वेबसाइटों या अन्य गैरकानूनी वेबसाइटों पर विजिट का डेटा है, उसे लीक कर देंगे। ये ब्लैकमेलिंग तब तक चलती रहती है जब तक निजी जानकारियां ना साझा कर दी जाए।
-व्यावसायिक मौके के नाम पर भी निवेशकों को धोखा दिया जा रहा है। धोखेबाज द्वारा यह विश्वास दिलाया जाता है कि निवेशक व्यवसाय में बड़ी राशि का निवेश कर गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर लेगा। जब निवेशक इस जाल में फंसता है तो उसे चूना लगा दिया जाता है।