जेएलएनएमसीएच में कर्मचारी की पिटाई का मामला पकड़ने लगा तूल, पहले भी मेडिकल छात्र कर चुके हैं कर्मचारियों के साथ मारपीट

भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के छात्रों द्वारा मारपीट करना आम बात हो गई है। 28 जनवरी को कालेज के लिपिक रवि रंजन को कार्यालय में घुसकर इंटर्न और एवं 2018 बैच के छात्रों ने मारपीट की। महज एक दिन रिजल्ट निकलने में देरी होने पर मारपीट की गई। छात्रों के इस रवैये पर कालेज प्रशासन सख्त रवैया अख्तियार किया है। इसके लिए मेडिकल काउंसिल की बैठक में मारपीट में शामिल छात्रों से स्पष्टीकरण मांगने का भी निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि पांच वर्ष पूर्व भी आक्रोशित छात्रों ने विभाग के अध्यक्ष एवं अन्य शिक्षकों के साथ भी मारपीट की थी। दूसरी घटना में प्राचार्य को उनके कार्यालय में बंधक बनाया था।

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. उदय नारायण सिंह ने कहा कि 28 जनवरी को इंटर्न और 2018 बैच के छात्रों ने कर्मचारी के साथ मारपीट की। क्योंकि एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का रिजल्ट निकलने में एक दिन देरी हुई थी। करीब ढ़ाई बजे छात्रों ने मारपीट की और शाम पांच बजे तक रिजल्ट भी आ गया। आर्यभट्ट विश्वविद्यालय के जिस कर्मचारी को रिजल्ट देना था, उसे कोरोना हो गया था।

इसलिए रिजल्ट में देर हुई। उन्होंने कहा कि छात्रों का यह रवैया उचित नहीं है, स्पष्टीकरण का जबाव संतोषजनक नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मारपीट में शामिल छह छात्र शामिल हैं। मेडिकल काउंसिल की बैठक में भी विभाग के अध्यक्षों ने छात्रों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्णय लिया है। दूसरी तरफ कर्मचारी ने बरारी थाना को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। कर्मचारी को आंख में चोट लगी है। बरारी थाना प्रभारी अमित कुमार ने कहा कि घटना की जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

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2014 में प्राध्यापक के साथ की थी बदसलूकी

2014 दिसंबर में मेडिकल छात्रों ने कालेज के प्राध्यापकों के साथ बदसलुकी की थी और कई वाहन तोड़े भी थे। परीक्षा के दौरान चोरी करते पकड़े जाने पर छात्रों को परीक्षा से निष्काशित करने पर छात्रों ने गुस्सा शिक्षकों पर उतारा था। इस दौरान कर्मचारी की मोटर सायकिल को भी क्षति पहुंचाई थी। चिकित्सकों ने चंदा कर मोटरसाइकिल खरीदवाई थी। 24 मई 2015 मे तात्कालीन प्राचार्य को बंधक बनाया था। वजह थी बाजार में एक व्यक्ति से मेडिकल छात्र के साथ मारपीट हुई थी। आक्रोशित छात्रों ने हड़ताल की थी और प्राचार्य को बंधक बनाया था। इस घटना में कई छात्रों पर अर्थदंड भी लगाया गया और छात्रों के अभिभावकों ने बांड भी भरवाए गए।