बिहार में अधिकारियों को करना होगा सांसदों-विधायकों का सम्मान, मुख्य सचिव ने अफसरों को लिखा पत्र

पटना : सांसद और विधायक राज्य में अफसरशाही को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। यह आरोप भी लगाते हैं कि राजकीय समारोह या बैठकों में उनके लिए स्थान आरक्षित नहीं किया जाता और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार भी नहीं होता है। अब इस मसले पर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने एक पत्र जारी किया है। अपर मुख्य सचिव से लेकर जिलाधिकारियों तक के नाम जारी पत्र में उन्होंने हिदायत दी है कि सांसदों और विधायकों को पूरा सम्मान मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्य सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में जारी आदेशों का हवाला देकर कहा है कि पहले भी सांसदों और विधायकों द्वारा बताई जाने वाली समस्याओं के सम्मानजनक समाधान के लिए मार्गदर्शन दिए गए हैं। इसी प्रकार राज्य में आयोजित किए जाने वाले राजकीय समारोह, मुख्यमंत्री या अन्य महानुभावों द्वारा किए जाने वाले शिलान्यास तथा उद्घाटन समारोह में सांसदों और विधायकों के लिए सम्मानजनक स्थान आरक्षित करने की गाइड लाइन जारी है। बावजूद ऐसा देखा जा रहा है कि राजकीय समारोह या अन्य कार्यक्रम (उद्घाटन, शिलान्यास आदि) में सांसदों और विधायकों को आमंत्रित नहीं किया जाता, न ही उन्हें सम्मानजनक स्थान ही दिया जाता है। यह खेद का विषय है।

दिशा-निर्देश जारी है, उसका पालन किया जाए

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है सांसदों-विधायकों को उचित महत्व नहीं दिए जाने की वजह से नए सिरे से अफसरों को ताकीद की जा रही है कि उनके सम्मान के लिए जो दिशा-निर्देश जारी है, उसका पालन किया जाए। यदि विधायक या सांसद किसी अफसर या कर्मचारी से मिलने सरकारी कार्यालय आते हैं तो उनका सम्मान कैसे होना है, इस बारे में कर्मचारियों को भी जानकारी रहे। आदेश का अनुपालन दृढ़ता से किया जाए। बता दें कि हाल ही में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने अफसरशाही से नाराज होकर सार्वजनिक तौर पर इस्तीफा देने की बात कह दी थी। हालांकि नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया था।

Source-dainik jagran